हरियाणा में करनाल जिला के राहड़ा गांव का युवक अमेरिका में हादसे का शिकार हो गया. युवक पंकज राणा बंदूक को चेक कर रहा था और अचानक ट्रिगर दब गया और युवक की मौके पर ही मौत हो गई. घरवालों ने अपनी जमापूंजी लगाकर और रिश्तेदारों से उधार लेकर युवक को अमेरिका भेजा था. इस पर 40 लाख रुपए खर्च हुए थे. चार महीने जंगलों की खाक छानने के बाद छह महीने पहले अमेरिका में एंट्री कर गया था और उसे एक स्टोर पर काम भी मिल गया था. इससे घर वालों में भी खुशी थी कि उनका बच्चा अब अमेरिका में सेट हो जाएगा.
मृतक के परिजन ने बताया कि सोमवार की शाम को पंकज स्टोर पर गया था और वहां बंदूक को चेक कर रहा था. इसी दौरान गलती से ट्रिगर दब गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद से ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मृतक के भाई ने बताया है कि कुछ महीने पहले ही पंकज ने अमेरिका से पैसे भेजने शुरू कर दिए थे, ताकि जिन लोगों से कर्ज लिया है, उनका पैसा चुकाया जा सके, लेकिन पंकज की मौत के बाद परिवार पर तिहरी मार पड़ी है. कर्ज खड़ा रह गया, पैसा भी चला गया और पंकज भी दुनिया में नहीं रहा.
पंकज के परिवार वालों ने सारे पैसे पंकज को अमेरिका में भेजने के लिए खर्च कर दिए थे, जिसके बाद से ही परिवार के हालात खराब हो चुके थे. छह महीने पहले ही पंकज अमेरिका पहुंचा था और वह ठीक ढंग से सेट भी नहीं हुआ था और परिवार पर एक ओर आफत आ गई.
अमेरिका से भारत पंकज का पार्थिव शरीर लाने के लिए एक जटिल प्रक्रिया है. जिसके लिए शासन और प्रशासन का भी सहयोग चाहिए. दूसरी ओर, अमेरिका से भारत शव लाने में भी लाखों रुपए का खर्च वहन करना पड़ता है, लेकिन परिवार के हालात ऐसे नहीं है कि वे इस खर्च को वहन कर पाए. अब मृतक के भाई ने एनआरआई युवकों से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही सरकार से भी मदद की अपील की है.
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