कनाडा की सरजमीं पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाला प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का चीफ गुरुपतवंत सिंह पन्नू पाकिस्तान के इशारों पर काम करता है. पन्नू ने पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर अमेरिका में सिख फ़ॉर जस्टिस संगठन को रजिस्टर कराया था. लगातार भारत सरकार द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी उसके खिलाफ ना तो अमेरिका में और ना ही कनाडा में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
भारत विरोधी गतिविधियों और खालिस्तानी आंदोलन को जिन्दा करने के लिए सिख फॉर जस्टिस पिछले कई साल से एक्टिव है. अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू आए दिन सोशल मीडिया के जरिए भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की बात कहता रहा है. लेकिन इस भारत विरोधी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान का पूरा हाथ है और उसका साफ उदाहरण है सिख फॉर जस्टिस को रजिस्टर कराने वालों में पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल होना है. इस पाकिस्तानी शख्स का नाम है मोहम्मद सलमान यूनुस.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने भाई अवतार पन्नू और इसी पाकिस्तानी-नागरिक मोहम्मद सलमान यूनुस के साथ इस फर्म को रजिस्टर कराया था. सिख फॉर जस्टिस इंटरनेशनल को एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन, जिसका कंपनी नंबर EXTUID_4237096 है और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के अधिकार क्षेत्र में आता है. इस कंपनी के डायरेक्टर/ ऑफिसर लिस्ट में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद सलमान यूनुस सिख फॉर जस्टिस के गवर्नर के तौर पर शामिल है.
गुरपतवंत पन्नू और उसके भाई अवतार पन्नू के साथ पाकिस्तानी भी फाउंडर मेम्बर है. पाकिस्तानी नागरिक यूनुस के साथ गुरपतवंत ने भी अपना पहला व्यवसाय एक लॉ कंपनी स्थापित की जैसा कि इसके कागजात से पता चला है. यूनुस ही वो शख्स है, जिसने कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट (KKRF) की स्थापना के लिए पन्नू के साथ साझेदारी की. KKRF संगठन कश्मीर-खालिस्तान या कहे K2 डेस्क पर सक्रिय है, जो भारत को तोड़ने के मकसद से 80 के दशक के दौरान ISI की तरफ से तैयार किया गया एक मॉडल है.
KKRF की एक अन्य प्रमुख भागीदार है, जिसका नाम गजाला हबीब है. जो कि अलगाववादी संगठन फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर (FOK) की निदेशक हैं और ये संगठन भी अमेरिका में रजिस्टर है. जो ISI के साथ मिलकर काम करती है. अगस्त 2020 को फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर ने एक वेबिनार आयोजित किया और कई अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों को आमंत्रित किया. इसके अलावा अन्य मेहमानों में सरदार मसूद खान, अब्दुल हामिद लोन और अवतार सिंह पन्नू जैसे पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल थे और सितंबर 2020 में ही पाकिस्तानी संगठन द वर्ल्ड कश्मीर फोरम और फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर ने हाथ मिलाया था.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तान के इशारे पर ही अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के अलावा गजाला हबीब और पन्नू ने USCIRF यानी यूनाइटेड स्टेट कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम के अधिकारियों के साथ भारत विरोधी एजेंडे के लिए काम किया. SFJ तो कनाडा में इंप्यूनिटी यानी दंड मुक्ति के साथ काम कर रहा है. पिछले साल 8 सितंबर को पन्नू ने अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए “खालिस्तान जनमत संग्रह” आयोजित किया था और अब भी इस तरह की भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखे हुए है.
इसके अलावा, पाकिस्तान की ISI खालिस्तानी अलगाववादी समूहों के लिए एक सपोर्ट सिस्टम के तौर पर काम कर रहा है और खास बात तो ये है कि इन सभी सूचनाओं के सार्वजनिक होने के बावजूद खालिस्तानी कनाडा में अपने लिए खुलेआम न सिर्फ घूम रहे है. बल्कि लगातार वहां से अपने एजेंडे को आगे बढ़ा भी रहे हैं.
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