महादेव बेटिंग ऐप केस में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर के बाद अब श्रद्धा कपूर, कपिल शर्मा, हीना खान और हुमा कुरैशी ने भी ईडी से संपर्क साधा है. महादेव बेटिंग ऐप केस में नाम आने के बाद श्रद्धा कपूर, कपिल शर्मा, हीना खान और हुमा कुरेशी ने ईडी के सामने पेश होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है. सभी का कहना है कि उनकी कुछ पहले से महत्वपूर्ण काम और मीटिंग हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए. माना जा रहा है कि ईडी उन्हें समय देने को तैयार हो गई है और अब ईडी कुछ दिनों बाद दूसरा समन जारी करेगी.
बता दें कि ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने ‘महादेव बेटिंग ऐप’ से जुड़े धनशोधन मामले में कॉमेडियन श्रद्धा कपूर, कपिल शर्मा, अभिनेत्री हुमा कुरैशी और हिना खान को समन भेजकर अलग-अलग तारीख पर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. संघीय जांच एजेंसी पहले ही इस मामले में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर को समन भेजकर छह अक्टूबर को रायपुर के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दे चुकी है. हालांकि, रणबीर कपूर ने ईडी से दो सप्ताह का समय मांगा था.
अधिकारियों ने बताया कि हाल में तीनों कलाकारों को समन भेजकर एजेंसी के रायपुर कार्यालय में अलग-अलग तारीखों पर पेश होने को कहा गया है. एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इनका बयान दर्ज करेगी और यह समझने की कोशिश करेगी कि ऐप के प्रवर्तकों द्वारा कथित तौर पर किए गए भुगतान और धन प्राप्ति का तरीका क्या था. माना जा रहा है कि इन कलाकारों को मामले में आरोपी नहीं बनाया जाएगा.
समझा जाता है कि इन कलाकारों ने महादेव ऐप का प्रचार किया और कुछ ने ऐप के एक प्रवर्तक की विदेश में हुई शादी में मेहमानों का मनोरंजन किया था. रणबीर कपूर को पेश होने के लिए समन भेजने के बाद सूत्रों ने बताया कि ईडी मामले में 14 से 15 अन्य हस्तियों की भूमिका की जांच कर रही है और उन्हें भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. एजेंसी के मुताबिक, कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्रशेखर और रवि उप्पल दुबई से ऐप संचालित कर रहे थे. उसने आरोप लगाया कि वे नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करने के लिए ‘ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे एवं बहुस्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से धनशोधन करते थे.
अधिकारियों ने बताया कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ का संचालन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित प्रधान कार्यालय से किया जाता था। उन्होंने बताया कि वे अपने जानकारों को ‘फ्रेंचाइजी’ के जरिये खोली गई शाखाओं को कारोबार का अधिकार 70:30 के लाभ अनुपात पर देते थे. अधिकारियों ने बताया कि सट्टे से हुई कमाई की राशि दूसरे देशों में मौजूद खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर ‘हवाला’ का इस्तेमाल किया जाता था. उन्होंने बताया कि भारत में सट्टा वेबसाइट के प्रचार करने के लिए बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल किया गया ताकि नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी के लिए उन्हें आकर्षित किया जा सके. कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं.
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