मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कोटा-बूंदी के बीच शम्भूपुरा-जाखमुंड गांवों में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए चिन्हित स्थान पहुंचकर प्रगति की जानकारी ली।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हमने मंत्रिमंडल में निर्णय लेकर नगर विकास न्यास कोटा द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी को निःशुल्क 34 हैक्टेयर भूमि हस्तांतरित कराई। साथ ही डायवर्जन राशि की प्रथम किश्त 21 करोड़ 13 लाख रुपए भी वन विभाग को दिए गए। इसके बावजूद केंद्र सरकार निर्माण कार्य शुरू नहीं करा पाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एयरपोर्ट विकास में जो वादे किए थे, वह पूरे किए हैं। अब केन्द्र सरकार और स्थानीय सांसद व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को प्रयास करने चाहिए। स्थानीय सांसद होने से यह उनका कर्तव्य है कि कार्य को आगे बढ़ाए।
गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विकास के लिए मना किए जाने पर राज्य सरकार अपने संसाधनों से पूरा कराएंगी। राज्य सरकार ने जिस तरह किशनगढ़ एयरपोर्ट विकास को आगे बढ़ाया, उसी तरह कोटा एयरपोर्ट के लिए भी संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कोटा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट अतिआवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोटा बदल रहा है। ऑक्सीजोन सिटी पार्क, नए अंडरब्रिज, ओवरब्रिज, सड़कों के चौड़ाईकरण सहित आधारभूत संरचनाओं के विकास से कोटा में पर्यटन की गति बढ़ी है। कोटा जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बुनकर ने नक्शे के जरिए रूपरेखा से अवगत कराया।
इस अवसर पर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर, रफीक खान, बूंदी कलक्टर रविंद्र गोस्वामी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इससे पहले गहलोत ने सर्किट हाउस, कोटा में जनसुनवाई भी की।
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