बूंदी नगर परिषद के वार्ड पार्षद साबिर खान ने पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा के पुत्र पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा द्वारा उन पर ईमानदारी से काम नहीं करने के आरोप पर कड़ा पलटवार किया है।उल्लेखनीय है कि सत्येश शर्मा ने वार्ड पार्षद साबिर पर ईमानदारी से जिम्मेदारी नहीं निभाने का सार्वजनिक आरोप लगाया था। साबिर पर आरोप लगाते हुये सत्येश शर्मा ने सार्वजनिक रूप से कहा कि हमने साबिर को पार्षद का टिकट दिया था। लेकिन पार्षद बनने के बाद साबिर ने ईमानदारी से जिम्मेदारी नहीं निभायी। अपने ही कांग्रेस पार्टी के पार्षद के विरुद्ध इतना बड़ा आरोप लगाते समय समय मंच पर हरिमोहन शर्मा भी बैठे थे। उन्होंने भी अपने पुत्र को अपने ही कांग्रेस पार्टी के पार्षद पर आरोप लगाने से नहीं रोका। इस घटनाक्रम का वीडियो भी वायरल हुआ है।
वार्ड पार्षद साबिर खान ने सत्येश शर्मा द्वारा उन पर लगाए गये आरोप पर कहा कि हरिमोहन शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक का टिकट दिया था लेकिन सत्येश शर्मा ने भारत जोड़ो यात्रा से पहले राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर डाली। जो मुख्यमंत्री के सगे नहीं हुये हैं वह पार्षदों से उम्मीद कर रहे हैं।
साबिर खान ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में सत्येश शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने की मांग प्रकाशित हुई। दोनों बाप बेटो ने अजीब तरह की राजनीति कर रखी है, दोनों रात दिन साथ रहते हैं सार्वजनिक कार्यक्रमों में साथ जाते हैं और पुत्र सत्येश शर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से ही हटाने की मांग करता है और पिता जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों पर प्रभाव बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री की सार्वजनिक तारीफ करते हैं।
वार्ड पार्षद साबिर खान ने कहा कि सत्येश शर्मा ने हरिमोहन शर्मा के सामने मुझ पर टिकिट देने के बाद ईमानदारी से काम नहीं करने का आप तो लगाया लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो हरिमोहन शर्मा को कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। फिर हरिमोहन शर्मा क्यों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाले पुत्र को रात दिन अपने साथ लेकर घूम रहे हैं और बूंदी की जनता पर जबरदस्ती थोपना चाह रहे हैं। जबकि वास्तविकता में ही यदि हरिमोहन शर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति निष्ठा रखते हैं तो उनको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने की मांग करने वाले अपने पुत्र सत्येश शर्मा को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने की मांग उठानी चाहिये। पार्षद साबिर ने कहा कि हरिमोहन शर्मा भी इस बात का जवाब देना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री गहलोत को हटाने की मांग करने वाले अपने पुत्र सत्येश शर्मा को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने की मांग क्यों नही उठा रहे है।
वार्ड पार्षद साबिर अपने बयान में कहा कि पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा का पुत्र सत्येश शर्मा एक अयोग्य उत्तराधिकारी है जिसने बूंदी में कांग्रेस पार्टी व हरिमोहन शर्मा का भी मटियामेट कर दिया है। साबिर ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि पुत्रमोह में हरिमोहन शर्मा की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है और अब वे नाम के नेता रह गए हैं उनके सारे फैसले अब सत्येश शर्मा ले रहा है। और हरिमोहन शर्मा का उसे हर गलत फैसले में भी समर्थन है इससे बूंदी का बेड़ा गर्क हो रहा है। राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सत्येश शर्मा द्वारा पद से हटाने की मांग करने के कारण हरिमोहन शर्मा को हाल ही में पीसीसी उपाध्यक्ष के पद से भी हटना पड़ा है।
पार्षद साबिर ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी के पार्षद पर आरोप लगाने से पहले सत्येश शर्मा को अपनी गिरेबां में झांकना चाहिये। खुद तो जिस मुख्यमंत्री ने हरिमोहन शर्मा को टिकट दिया उनका ही हटाने की मांग कर रहा है और अपने पार्षदों से निष्ठा की उम्मीद कर रहा है। सभी पार्षद कांग्रेस पार्टी व प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति निष्ठावान है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने की मांग करने वाले किसी नेता के बेटे की गुलामी करने का ठेका बूंदी के कांग्रेस पार्षदों ने नहीं ले रखा है।
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