विशेष योग्यजन निदेशालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा गुरूवार को निदेशालय के सभागार में राजस्थान मिशन-2030 को लेकर हितधारकों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संवाद कार्यक्रम में उमाशंकर शर्मा, राज्य आयुक्त न्यायालय, विशेष योग्यजन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने एवं विकास की गति को दस गुना बढ़ाने के लिए राजस्थान मिशन-2030 अभियान के अन्तर्गत विजन 2030 दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण राजस्थान मिशन 2030 अभियान में आमजन की सहभागिता निरंतर बनाए रखने और इसे हर जन अभियान के रूप में परिवर्तित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने विशेष योग्यजन निदेशालय द्वारा दिव्यांगों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान मिशन-2030 अभियान के माध्यम से राज्य सरकार प्रत्येक दिव्यांगजन तक पहुंची है और उनकी समस्याओं का समाधान किया है।
नरेन्द्र चौधरी, अतिरिक्त निदेशक, विशेष योग्यजन द्वारा कार्यक्रम में दिव्यांगजनों के हितों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों एवं आधारभूत सुविधाओं सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि हितधारकों के साथ दिव्यांगजनों को सर्वोपरि रखते हुए नीति नियमों का निर्धारण किया जा रहा है और प्राप्त सभी सुझावों पर विचार-विमर्श कर विजन दस्तावेज-2030 में शामिल किया जाएगा।
बैठक में अवासीय व व्यवसाय भू-खंड आवंटन में रियायत दर से बोली व लॉटरी द्वारा आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, बौद्धिक दिव्यांग पुनर्वास गृहों में निवासरत बालक/किशोर व्यक्तियों को उनकी क्षमता अनुरूप व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर समाज की मुख्यधारा में जोडा जाए, दिव्यांगों के मुद्दों एवं नीति-निर्माण हेतु स्टेट एडवाइजरी बोर्ड का गठन करने जैसे सुझाव हितधारकों के माध्यम से प्राप्त हुए।
बैठक में अशोक कुमार जांगिड़ ,संयुक्त निदेशक विशेष योग्यजन, प्रतिभा भटनागर, सत्येंद्र सिंह राठौड़ एवम अन्य एन.जी.ओ. प्रतिनिधि, विद्यार्थी, दिव्यांग विद्यार्थी, विशेष योग्यजन, अध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित हुए।
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