पानीपत. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बिंझौल पहुंच गया है. यहां पर सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इस दौरान भारत माता की जय, मेजर आशीष अमर जैसे नारे ग्रामीणों ने लगाए. अंतिम संस्कार के दौरान हर आंख नम दिखी. आशीष के चचेरे भाई विकास ने उन्हें मुखाग्नि दी. विकास भी सेना में अफसर हैं.
34 साल के मेजर आशीष के अंतिम संस्कार बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. आसपास के गांव से ग्रामीण अंतिम संस्कार में पहुंचे और उन्हें श्रद्धाजंलि दी. वहीं, सैन्य टुकड़ी ने हवा में फायर कर अपने वीर जवान को श्रद्धांजलि दी.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह मेजर आशीष धौंचक का पार्थिव शरीर पानीपत लाया गया. यहां पर सबसे पहले सेक्टर सात में किराये के मकान में उनका शव रखा गया, जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी.
फिर उसके बाद नए गए मकान में भी उन्हें ले जाया गया. अगले माह इसी मकान में मेजर आशीष को शिफ्ट होना था.
आशीष के जीजा ने कहा कि कुछ दिन पहले ही आशीष की बहन से बात हुई थी. तब बहन ने पिता की बीमारी की बात की थी. उधर, आशीष की मां ने हाथ जोड़कर कहा कि वह नहीं रोएंगी, क्यों वह मेरा बेटा नहीं, देश का बेटा था.
बता दें कि उनकी ढाई साल की बेटी है. शहीद मेजर आशीष के चाचा दिलावर सिंह ने बताया की कुछ दिन पहले ही उनकी बातचीत हुई थी. घर के बारे में हाल-चाल जाना था. सब के बारे में बात की थी. उन्होंने बताया कि अक्टूबर महीने में आशीष को घर आना था और किराए के मकान में अपने नए मकाम में शिफ्ट होना था.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.