बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस पर एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि रामचरित मानस में पोटैशियम साइनाइड है. उन्होंने कहा कि जब तक इसमें पोटैशियम साइनाइड रहेगा तब तक मैं विरोध करूंगा. दरअसल शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हिन्दी दिवस के अवसर पर बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने रामचरित मानस को लेकर एक बार फिर से विवादित बयान दिया है.
शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के अरण्यकांड की चौपाई पूजही विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पुजहु वेद प्रवीना को लेकर कहा कि – यह क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है? इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली बार रामचरितमानस के सुंदरकांड के दोहे पर बयान देने के बाद जीभ काटने के लिए 10 करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी. ऐसे में लोग बताएं कि मेरे गले की कीमत क्या होगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब तक गोदान के पात्र की जातियां बदलेंगी तब तक विरोध कायम रहेगा. इन चीजों का विरोध डॉ राम मनोहर लोहिया और नागार्जुन ने भी किया था. एक लव का अंगूठा काटा गया आप लोग जगदेव प्रसाद को गोली मारने के कारण को जरा गूगल करके पढ़िएगा तो पता चल जाएगा कि मैं किन चीजों का विरोध कर रहा हूं. वहीं शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के विवादित बयान पर केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस ने निशाना साधते हुए कहा कि वह धर्म और शिक्षा के नाम पर लगातार विवादित बयान देते हैं. उन्होंने रामचरितमानस पर पहले भी आपत्तिजनक बयान दिया था यह बहुत ही गलत है और धर्म के विरुद्ध है.
बता दें, शिक्षा मंत्री अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. पिछले दिनों भी उन्होंने रामचरित मानस और सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. इसके अलावा चंद्रशेखर शिक्षा विभाग में अपने अलग-अलग कार्यों के लिए भी काफी चर्चा में रहते हैं. पिछले दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चिट्ठी वाली लड़ाई की भी खूब चर्चा हुई थी.
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