यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव किसी से नहीं छिपा है, दोनों ही देश एक दूसरे के आमने सामने हैं, वहीं अगर अंतरिक्ष शोध और कार्यक्रमों की बात की जाए तो दोनों देश एक साथ खड़े नज़र आते हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब दो रूसी अंतरिक्ष यात्री और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री शुक्रवार को उड़ान भरने के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे. इससे पहले रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब और नासा के अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ’हारा ने सोयुज एमएस-24 अंतरिक्ष यान में सवार होकर कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से उड़ान भरी थी.
रूसी स्पेस एजेंसी ने बताया कि चालक दल तीन घंटे बाद अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में पहुंचा. ओरबिटिंग स्टेशन में इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रतिनिधियों सहित, तीन रूसी, दो अमेरिकी और एक जापानी अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे.
कोनोनेंको ने उड़ान से पहले तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि “अंतरिक्ष में हम एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, एक दूसरे की सुनते हैं और एक दूसरे को समझते हैं. वहां हम अपने रिश्तों को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. वहीं ओ’हारा ने स्टेशन की तारीफ करते हुए कहा कि यह देशों को एक साथ ला रहा है. उन्होंने कहा, “मैं जहाज पर चढ़ने और उन क्रू साथियों को देखने के लिए उत्साहित हूं जो हमारा इंतजार कर रहे हैं.”
कोनोनेंको (59), और चुब (39) आईएसएस में एक साल बिताएंगे, वहीं ओ’हारा (40) छह महीनें रहेंगी. ओ’हारा और चुब के लिए यह पहला मिशन है. चुब का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रा करना उनका बचपना का सपना था, और उन्होंनें अपने इस सपने को हासिल करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. यह तीनों वहां, रूसी दिमित्री पेटेलिन और सर्गेई प्रोकोपयेव के साथ-साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो की जगह लेंगे, जिन्होंने आईएसएस पर एक साल बिताया है. रोसकोसमोस के मुताबिक, इन तीनों अंतरिक्षयात्रियों को मार्च में धरती पर लौटना था लेकिन उनके जहाज सोयुज एमएस-22 के किसी उल्कापिंड से टकराजाने की वजह से उसमें तकनीकी खराबी आ गई थी, अब वे एमएस-23 से धरती पर वापस लौटेंगे.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के साथ अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करना चाह रहे हैं क्योंकि यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों की निंदा और प्रतिबंध तेज हो गए हैं. पुतिन ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में नए वोस्तोचन स्पेसपोर्ट पर उत्तर कोरिया के एकांतप्रिय नेता किम जोंग उन की मेजबानी की और दोनों ने उत्तर कोरिया को अंतरिक्ष में भेजने की संभावना पर चर्चा की. पिछले महीने रूस का लूना-25 चांद की सतह पर कदम रखने में नाकाम रहा था.
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