पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल से देश के 140 करोड़ देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर श्री गणेश करने जा रहे हैं. संसद भवन का ये सेंट्रल हॉल कई भावनाओं से भरा है. ये हमें भावुक भी करता है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है. संसद का ये सेंट्रल हॉल कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आज हम विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के संकल्प के साथ नए भवन में जा रहे हैं.’
पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल मे कहा कि यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकुमत ने सत्ता का हस्तांतरण किया. उस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह भी ये सेंट्रल हॉल रहा. यहीं पर हमारे राष्ट्रीय गान और तिरंगे को अपनाया गया. 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में आकर हमारे माननीय सांसदों को संबोधित किया है. हमारे राष्ट्रपति महोदयों ने यहां 86 बार संबोधित किया है. संसद का ये सेंट्रल हॉल कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है. अभी तक लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर करीब-करीब 4 हजार से अधिक कानून पास किए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा विश्वास है देश जिस दिशा में चल चुका है, इच्छित परिणाम जल्द मिलेंगे. हम गति जितनी तेज करेंगे, परिणाम उतनी जल्दी मिलेगा. आज भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है. संसद में बनने वाला हर कानून, संसद में होने वाली हर चर्चा, संसद से जाने वाला हर संकेत, इंडियन इंस्पिरेशन को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना होगा. आज दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब हमें वैश्विक मापदंडों को पार करने के इरादे से ही चलना चाहिए. तब जाकर हम विश्व के अंदर अपना झंडा फहरा सकते हैं. दुनिया में सबसे अच्छा प्रोडक्ट मेरा होगा, ये भाव होना चाहिए. मैंने लाल किले से कहा था ‘यही समय है, सही समय है.’ इसके बाद की घटनाओं को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत नई चेतना और ऊर्जा के साथ जाग उठा है. यह लाखों लोगों के सपनों को संकल्प और वास्तविकता में बदल सकता है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारे देश का नौजवान खेल की दुनिया में देश का नाम कमा रहा है. देश अब ये चाहता है कि खेल के हर पोडियम में हमारा तिरंगा लहराए. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद देश के युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है और हमें इसे गवांना नहीं है. बल्कि उनके लिए कई अवसर पैदा करने हैं. पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी संसदीय कार्रवाइयों और चर्चाओं से प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं का उत्थान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे प्राथमिकता देना और हर भारतीय की अपेक्षाओं को पूरा करना हमारा कर्तव्य है.
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