मिशन 2030 के तहत प्रदेश भर में आयोजित शिविरों में खनन क्षेत्र के स्टेक होल्डर्स और प्रतिभागियों ने प्रदेश में खान एवं खनन को उद्योग का दर्जा देने, सुरक्षित, संरक्षित और दीर्घकालीन खनन पर बल देने के साथ ही उपग्रह एवं ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग, खनिज एक्सप्लोरेशन को बढ़ावा देने सहित महत्वूपर्ण सुझाव दिए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने बताया है कि मिशन 2030 के तहत माइंस विभाग द्वारा उद्योग विभाग से समन्वय बनाते हुए 34 परामर्श शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि खान विभाग द्वारा स्टेक होल्डर्स और अन्य प्रतिभागियों की सक्रिय सहभागिता तय करने का ही परिणाम रहा कि 34 शिविरों में 1945 महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें आमनागरिकों से ऑनलाईन प्राप्त 923 सुझाव भी शामिल हैं।
गुप्ता सोमवार को निदेशक माइंस संदेश नायक के साथ मिशन 2030 के तहत आयोजित शिविरों में प्राप्त सुझावों व रेस्पांस की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों के प्रयासों से स्टेक होल्डर्स ने शिविरों में हिस्सा लेकर प्रदेश के माइंस सेक्टर के समग्र विकास, विस्तार और नवीनतम तकनीक के उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त सुझावों का परीक्षण किया जा रहा है। खनन क्षेत्र के आसपास की अनुपयोगी भूमि पर वृक्षारोपण की अनुमति सहित उपादेय सुझाव दिए हैं।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि जयपुर सहित प्रदेश भर में आयोजित 34 शिविरों में स्टेकहोल्डर्स द्वारा 877 सुझाव दिए गए हैं। इसके अलावा आमजन से 923 सुझाव ऑनलाईन प्राप्त हुए हैं। विभागीय अधिकारियों व कार्मिकों ने भी 145 सुझाव देकर मिशन 2030 के तहत आयोजित शिविरों को उपादेय बनाया है। माइंस सेक्टर से 1945 सुझाव प्राप्त होना विभाग के गंभीर और सक्रिय प्रयास सिद्ध करते हैं।
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