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महुआ मोइत्रा केस पर आखिर क्यों चुप हैं ममता बनर्जी? क्या है लोकसभा चुनाव से कनेक्शन

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप है. संसद की ‘एथिक्स कमिटी’ मामले की जांच कर रही है. भाजपा नेता नीशिकांत दुबे ने लोकपाल से भी शिकायत की है. इस पूरे घटनाक्रम के बीच TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी की चुप्पी हैरान करने वाली है. हाल के सालों में संभवतः यह पहला मौका है जब ममता बनर्जी, अपनी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता के खिलाफ इस तरह के हमले पर चुप हैं.

ममता बनर्जी 26 अक्टूबर को लंबे अंतराल के बाद पार्टी दफ्तर पहुंचीं, लेकिन उन्होंने महुआ मोइत्रा मामले पर कुछ नहीं कहा. हां, टीएमसी के कई नेताओं के घर ईडी की रेड पर जरूर प्रक्रिया दी. ऐसे में सवाल है कि आखिर ममता बनर्जी चुप क्यों हैं?

तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्र कहते हैं कि इस बात की ज्यादा संभावना है कि महुआ ने अपनी संसदीय लॉगिन आईडी पासवर्ड, बिजनेसमैन दोस्त दर्शन हीरानंदानी से शेयर की होगी. मोइत्रा ने खुद एक बार भी आधिकारिक तौर पर इससे इनकार नहीं किया है, बल्कि लगातार कहती रही हैं कि दूसरे सांसद भी ऐसा करते हैं. ऐसे में ममता बनर्जी के लिए खुलकर उनका समर्थन करना मुश्किल वाला काम है.

द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में ममता बनर्जी ने इस पूरे मसले पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ने का फैसला किया है. ममता बनर्जी को लगता है कि अगर एथिक्स कमेटी में, मामला सही निकला तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी और टीएमसी के खिलाफ बैकफायर कर सकता है.

सिर्फ ममता ने ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भी इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया है. आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है. पिछले हफ्ते टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि महुआ मोइत्रा ने पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. हमें संसद की एथिक्स कमिटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

ममता बनर्जी या तृणमूल कांग्रेस के तमाम नेताओं भले ही महुआ मोइत्रा के साथ न हों, लेकिन एक नेता खुलकर उनके साथ खड़ा है. उसे ममता बनर्जी का दाहिना हाथ भी कहा जाता है. वो हैं कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकीम. उन्होंने खुलकर महुआ का समर्थन करते हुए कहा कि मोइत्रा के खिलाफ जानबूझकर साजिश रची गई, ताकि उन्हें चुप कराया जा सके.

आपको बता दें कि लोकसभा की आचार समिति नेमहुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा है. समिति के प्रमुख और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर 26 अक्टूबर को कहा कि वे तृणमूल सांसद के खिलाफ आरोपों की जांच में गृह और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों से सहायता मांगेंगे. समिति ने बृहस्पतिवार को वकील जय अनंत देहाद्रई और भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए थे.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों में पूछे गये 61 सवालों में से 50 अडानी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने रिश्वत लेकर सवाल पूछे. इसके अलावा महुआ मोइत्रा की संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दुबई में इस्तेमाल किया गया.

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