राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी काफी बढ़ी हुई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल 200 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना है. दोनों दलों में असंतोष भी देखने को मिल रहा है. दूसरी तरफ, टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी संगठन में माथापच्ची का दौर लगातार जारी है. इसी बीच, राजस्थान कांग्रेस से बड़ी खबर सामने आ रही है. दिल्ली में टिकट देने को लेकर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा अन्य दिग्गज नेता शामिल हुए. बैठक में अशोक गहलोत ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए जोरदार पैरवी की. बहस ज्यादा बढ़ने लगी तो सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत को कहा कि वह आवाज धीमा करके बात करें. वहीं, राहुल गांधी को भी इशारों से शांत रहने को कहा.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच दावेदारों की टिकट को लेकर बहस शुरू हो गई. राहुल और गहलोत के बीच सवाल-जवाब में सोनिया गांधी ने सीएम गहलोत को आवाज धीरे करके बोलने को कहा. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की सीटों पर चर्चा के बीच कुछ सिटिंग विधायकों और निर्दलियों को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे. उसी वक्त राहुल गांधी ने उनको टोक दिया.
राहुल गांधी ने गहलोत से कहा कि आप तीन महीने पहले कह रहे थे कि मेरी सरकार के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) नहीं है, लेकिन कुछ विधायकों के खिलाफ है. साथ ही इनपर भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं. मगर आज आप उनको टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं और उनका टिकट काटने नहीं दे रहे. इस पर गहलोत ने कहा कि जिन लोगों में मेरी सरकार बचाई, उनके लिए बोल रहा हूं. वरना मैं यहां सीएम के रूप में बैठा नहीं होता.
दरअसल सीएम गहलोत एक निर्दलीय विधायक को कांग्रेस पार्टी से टिकट देने की बात ये कहकर कर रहे थे कि उसने मेरी सरकार को संकट के समय बचाया था. इस पर राहुल ने कहा कि उस विधायक ने तो टिकट न मिलने पर पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता. मगर उस सीट पर कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार ने बिना आपके प्रचार किए लगभग 44 हजार बोट पाए, तो इस बार उसे टिकट क्यू न दें जो 44 हजार वोट पाया और पार्टी का कार्यकर्ता है. सूत्रों के मुताबिक ये कार्यकर्ता सचिन पायलट खेमे का समर्थक था.
राहुल गांधी की बात पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निर्दलीय विधायक के समर्थन में बोलना शुरू कर दिया, जिस पर राहुल भड़क गए. आलम ये हुआ कि सोनिया ने पहले गहलोत को धीरे बोलने को कहा. उसके बाद राहुल को हाथ के इशारे से शांत रहने को कहा. इस बीच बैठक में माहौल बहुत गंभीर हो गया था.
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