राजस्थान के दौसा के बांदीकुई में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दावेदारी कर रहे एक उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो गया। इस बात से नाराज हो कर वह मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। दावेदार का कहना है कि साजिश के तहत उसका नामांकन निरस्त किया है। उसने सही प्रकार से नामांकन भरा था।
जानकारी के अनुसार, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विनोद सैनी (43) ने सोमवार को नामांकन भरा था। सोमवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उसका नामांकन निरस्त हो गया। उसके बाद वह दोपहर 2.30 बजे गुढ़लिया वास रेलवे फाटक के पास स्थित मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। विनोद सैनी का कहना है कि नामांकन जांच के दौरान उसे किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। पीछे से उसका नामांकन निरस्त कर दिया। जबकि उन्होंने ठीक प्रकार से नामांकन भरा था। सैनी ने आरोप लगाया कि एक प्रत्याशी की साजिश पर उनका नामांकन निरस्त किया है। इस दौरान विनोद सैनी ने नारेबाजी कर रोष जताया। वहीं, मौके पर पहुंचे लोगों ने विनोद सैनी को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। उनका कहना था कि उनका गलत तरीके से नामांकन निरस्त किया है। इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।
इसके साथ ही विनोद सैनी ने एक वीडियो वाट्सएप पर शेयर करते हुए कहा कि मैं 1998 से स्ट्रगल कर रहा हूं। बढ़त-बढ़ते बच्चों को पढ़ा रहा हूं। मेरे इस क्षेत्र में एक हजार स्टूडेंट हैं जो सरकारी सेवा में हैं। कुछ ऐसे लोग हैं जो बहुत अच्छे जॉब कर रहे हैं या बिजनेस कर रहे हैं। सबको पता चल गया कि इसका मामला बहुत ज्यादा है, यह चुनाव जीत रहा है। इसलिए इन्होंने राजनीतिक द्वेषता करते हुए मेरा फॉर्म ही रिजेक्ट करा दिया। भाइयों बाबा साहेब का संविधान खतरे में है। भाइयों सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह जी के कदमों पर चलते हुए मैं देश के लिए कुर्बान हो रहा हूं।
इस संबध में एसडीएम नीरज मीणा का कहना है कि नामांकन के शपथ पत्र में प्रारूप 26 के सभी कॉलम भरने पड़ते है। विनोद सैनी के नामांकन में पांच से अधिक कॉलम खाली थे। नामांकन भरने के दौरान इन्हें बताया गया था। साथ ही नामांकन जांच के दौरान मंगलवार सुबह 11 बजे तक खाली कॉलम भरने के लिए कहा गया था। लेकिन विनोद सैनी ने खाली कॉलम नहीं भरे। इससे नामांकन निरस्त कर दिया।
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