राजस्थान विधानसभा चुनाव की वोटिंग शुरू होने में अब 24 घंटे से भी कम का समय बचा है। आज सभी पोलिंग पार्टियां अपने-अपने क्षेत्र में पोलिंग बूथों की कमान संभाल लेंगी। इसके लिए सभी पार्टियों को रवानगी शुरू हो गई है। जयपुर जिले की 19 विधानसभा क्षेत्रों के लिए तीन जगहों से जेएलएन मार्ग स्थित राजस्थान कॉलेज, दिल्ली रोड स्थित जामिया,मुस्लिम यूनिवर्सिटी और सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन कॉलेज से पार्टियां रवाना की जा रही हैं।
जेएलएन मार्ग पर आज सुबह इसका असर भी रहा। बजाज नगर मोड से गांधी सर्किल तक ट्रेफिक प्रभावित रहा। यहां बसों और गाड़ियों की जबरदस्त भीड़ रही। सुबह 7 बजे से मतदान कर्मचारी और सुरक्षा में लगे जवानों का पहुंचना शुरू हो गया। इन सभी को यहां मशीनों से ट्रेनिंग देने के बाद रवाना किया जाएगा। इन पार्टियों को दो चरण में भेजा जा रहा है, पहले चरण में दूर-दराज के विधानसभा क्षेत्रों के लिए, जबकि दूसरे चरण में पास के पोलिंग स्टेशन वाले कर्मचारियों के दलों की रवानगी की जाएगी। इस तरह कुल 4 हजार 691 मतदान दलों की रवानगी होगी।
हर गाड़ियां जीपीएस से ट्रैक होगी
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जयपुर की 19 सीटों पर इस बार 4 हजार 691 पोलिंग बूथ बनाए है, जिन पर 50.95 लाख मतदाता वोट डालेंगे। उन्होंने बताया कि जिन गाड़ियों में पोलिंग पार्टियां और ईवीएम मशीनें रवाना की गई है उन सभी पर मॉनिटरिंग के लिए उनमें जीपीएस सिस्टम लगाए गए है, ताकि गाड़ियां हमारे निर्धारित रूट से अलग न जा सके। इसके लिए कंट्रोल रूम में हर गाड़ी पर निगरानी रखी जाएगी।
मॉक पोल के जरिए चैक करवाई जाएगी ईवीएम
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पोलिंग पार्टियों के बूथ पर पहुंचने के बाद वहां सभी व्यवस्थाएं करके पोलिंग पार्टियां सबसे पहले प्रत्याशियों के एजेंटों को ईवीएम की जांच करवाएगी। इसके लिए प्रत्येक बूथ पर मॉक पोल करवाए जाएंगे और वोट डलवाए जाएंगे। ताकि एजेंट सुनिश्चित हो सके कि ईवीएम मशीनें ठीक है और उनके कोई गड़बड़ी नहीं है। ये प्रक्रिया पूरी होने और एजेंटों के सुनिश्चित होने के बाद सभी ईवीएम को क्लियर करके सील पैक कर किया जाएगा और वोटिंग के दिन खोला जाएगा।
वोटिंग के बाद 7 सेकेंड तक दिखेगी पर्ची, किसे दिया वोट
इस बार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदान केन्द्रों की संख्या के साथ दस-दस प्रतिशत रिजर्व कन्ट्रोल और बैलट यूनिट और तीस प्रतिशत रिजर्व के साथ वीवीपेट की व्यवस्था की है। इस तरह रिजर्व के साथ 5 हजार 740 कंट्रोल यूनिट, 6 हजार 499 बैलट यूनिट और 6 हजार 243 हजार वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) मशीनों को तैयार किए गए है। वीवीपैट मशीन में मतदाता सात सेकंड के भीतर यह देख सकेगा कि उसने जिसे वोट दिया है वह पर्ची पर नजर आ रहा है या नहीं। सात सेकंड के बाद पर्ची बॉक्स में गिर जाएगी।
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