गाजा शहर के अहली अरब अस्पताल में मंगलवार रात हुए भीषण विस्फोट में 500 लोगों की जान चली गई. चरमपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर इस हमले का दोष मढ़ा है. गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट इजरायली हवाई हमले के कारण हुआ. वहीं, इजरायली रक्षाबलों ने गाजा में स्थित एक सशस्त्र समूह फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) को इस हमले के लिए दोषी ठहराया है. इजरायली सेना ने कहा कि विस्फोट समूह द्वारा दागे गए रॉकेट के कारण हुआ जो लॉन्चिंग के बाद विफल हो गया था.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में दूसरे सबसे बड़े सशस्त्र समूह, इस्लामिक जिहाद को अक्सर सबसे बड़े सशस्त्र समूह हमास की छाया बताया जाता है. हमास 2007 से गाजा को नियंत्रित और शासित कर रहा है. इस्लामिक जिहाद संगठन की स्थापना 1980 के दशक में गाजा पट्टी में इजरायली कब्जे से लड़ने के लिए की गई थी और यह गाजा और वेस्ट बैंक में अपनी उपस्थिति बनाए रखता है. ईरान दोनों समूहों इस्लामिक जिहाद और हमास को धन और हथियारों से समर्थन देता है. वहीं इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों को ही आतंकवादी संगठन मानते हैं.
इस वर्ष मई में, इजरायली सेना ने कहा था कि उसने तीन इस्लामिक जिहाद नेताओं को निशाना बनाया और मार डाला, क्योंकि वे इजरायल के खिलाफ रॉकेट हमलों और वेस्ट बैंक में इजरायली नागरिकों के खिलाफ अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार थे. अतीत में भी कई मौकों पर ऐसा हुआ है जब, इस्लामिक जिहाद और हमास जैसे फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा दागे गए रॉकेट कभी-कभी खराब हो जाते थे और नागरिक इलाकों पर जा गिरते थे. फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद का बेस गाजा है. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, संगठन के बड़े सरगना सीरिया में रहते हैं और कुछ अन्य नेता लेबनान में रहते हैं.
इस्लामिक जिहाद और हमास के बीच क्या संबंध है?
हमास और इस्लामिक जिहाद अक्सर इजरायल के खिलाफ एकजुट होते हैं. वे जॉइंट ऑपरेशन रूम के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं. जॉइंट ऑपरेशन रूम गाजा के छोटे से तटीय क्षेत्र में विभिन्न सशस्त्र समूहों के बीच अधिकांश सैन्य गतिविधियों का समन्वय करता है. लेकिन कभी-कभी यह एक तनावपूर्ण संबंध होता है, खासकर जब हमास ने इजरायल के खिलाफ हमले या प्रतिशोध को रोकने के लिए इस्लामिक जिहाद पर दबाव डाला है.
इस्लामिक जिहाद अक्सर हमास से स्वतंत्र होकर एक अलग संगठन के रूप में कार्य करता है और मुख्य रूप से सैन्य टकराव पर केंद्रित होता है. कुछ अवसरों पर, इस्लामिक जिहाद का इजरायल के साथ टकराव के दौरान हमास अलग रहा है. वहीं, कई मौके ऐसे भी आते हैं, जब हमास इजरायली सेना के साथ संघर्ष में इस्लामिक जिहाद के साथ शामिल रहता है. साल 2022 में फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद का एक रॉकेट मिसफायर हुआ था, तब गाजा में 16 लोगों की मौत हुई थी.
इजरायली सेना के मुताबिक इस्लामिक जिहाद की तरफ से दागे जाने वाले कुल रॉकेटों में से 18% मिसफायर ही होते हैं. इसी साल 10 मई 2023 को PIJ के एक मिसफायर रॉकेट ने 4 फिलिस्तीनियों की जान ले ली थी. इनमें से 3 बच्चे थे. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, 1988 में ईरान ने अपने सालाना बजट से PIJ को 2 मिलियन डॉलर दिए थे. वहीं 2013 के अंत में इस कट्टरपंथी समूह को ईरान से हर महीने लगभग 3 मिलियन डॉलर मिले.
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