इजरायल और हमास के बीच लगातार 12 दिन से युद्ध जारी है. इजरायल हमास के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला कर रहा है. इस बीच मंगलवार की देर रात को गाजा के हमास समर्थित अल-अहली अरब अस्पताल में जबरदस्त विस्फोट हो गया, जिसके चलते सैंकड़ों लोगों की जान चली गई. इस ब्लास्ट में बच्चे व महिलाओं सहित कई लोग मारे गए हैं.
इस हमले की खबर सामने आने के बाद इजरायली प्रधानमंत्री का ट्विटर पर जोरदार विरोध शुरू हो गया. इस बीच पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के एक पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया गया है. हालांकि अब ट्वीट हटाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस हमले का आरोप हमास और इजरायली सेना एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
इजरायल के पीएमओ ने मंगलवार को उस पोस्ट को हटा दिया, जिसमें नेतन्याहू ने कहा था कि यह संघर्ष अंधेरे और रोशनी के बच्चों के बीच है. यह इंसानियत और जंगलराज के बीच लड़ाई है. हालांकि नेतन्याहू का यह पोस्ट विधानसभा में की गई टिप्पणी से था, जो अभी भी रिकॉर्ड में है. कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि गाजा पट्टी में स्थित अल-अहली अस्पताल में विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 500 लोगों की जान चली गई. वहीं मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
इस हमले को लेकर फिलीस्तिन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर इस हमले की पुष्टि हो जाती है तो यह हमला साल 2008 के बाद से लड़े गए पांच युद्धों में अब तक का सबसे घातक इजरायली हवाई हमला होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अस्पताल पर हुए हमले को लेकर संवेदना जारी की है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर हमास पर अस्पताल पर हुए हमले का आरोप लगाया.
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अस्पताल में हमारे हाथ कई सोर्स से खुफिया जानकारी मिली है कि असफल रॉकेट लॉन्चिंग के लिए इस्लामिक जिहाद ही जिम्मेदार है. इजरायली पीएम के प्रवक्ता ताल हेनरिक ने कहा कि इजरायली सेना अस्पतालों को निशाना नहीं बनाती. इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के इस बयान पर संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन राजदूत रियाद मंसूर ने पलटवार किया है. उन्होंने नेतन्याहू को झूठा बताते हुए कहा कि वे झूठे हैं.
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