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दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में, GRAP का दूसरा चरण लागू, बारिश से सुधरेगी हवा

राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में रविवार सुबह समग्र वायु गुणवत्ता ‘खराब श्रेणी’ में दर्ज की गई. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को 173 के मुकाबले 266 दर्ज किया गया. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर वायु गुणवत्ता 266 और IGI टर्मिनल T3 पर 276 दर्ज की गई. इस बीच, नोएडा में AQI 290 और गुरुग्राम में 152 दर्ज किया गया.

नई दिल्ली में आनंद विहार की वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही. यहां 345 AQI के साथ एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब श्रेणी’ में पहुंच गई. आईटीओ में 309 AQI और न्यू मोती बाग 360 AQI दर्ज किया गया. द्वारकर सेक्टर-8 में 313 AQI दर्ज किया गया. दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई का लेवल 248 तक पहुंचने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग शनिवार को एक्शन में नजर आया और इसकी उप-समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण II को लागू करने का फैसला किया. मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है. बारिश आती है तो हवा में सुधार देखने को मिलेगा.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनसीआर क्षेत्र में अन्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड GRAP के दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध जैसे उच्च स्तर पर अधिक गहन कदम शामिल हो सकते हैं. जीआरएपी II के तहत, सरकार निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाने और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने जैसे कदम उठाती है.

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता 149 के वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज की गई थी. समग्र AQI बुधवार को 83 से बढ़कर गुरुवार को 117 हो गया. इसके बाद से यह लगातार गिरता जा रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स आसान शब्दों में वायु गुणवत्ता की स्थिति के आकलन का एक उपकरण है. AQI की छह श्रेणियां हैं, बहुत अच्छा संतोषजनक, मध्यम प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर.

AQI पैमाने के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर वायु गुणवत्ता ‘अच्छी’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है. एक्यूआई की विभिन्न श्रेणियों में गंभीरता का स्तर हवा में प्रदूषकों की मात्रा, जिसे अंग्रेजी में पार्टिकुलेट मैटर कहा जाता है, उस पर निर्भर करती है. पार्टिकुलेट मैटर दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें पीएम2.5 और पीएम10 कहते हैं. पीएम 2.5 का मतलब हवा में मौजूद प्रदूषकों, जैसे धूण के कणों का आकार 2.5 माइक्रोमीटर हो. वहीं 10 माइक्रोमीटर के आकार वाले प्रदूषकों को पीएम10 कहते हैं.

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