सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है. जिससे जुड़कर महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनने के साथ ही समझ में अपनी एक नई पहचान स्थापित कर रही है. इसी कड़ी में रायबरेली जनपद के हरचंदपुर क्षेत्र की रहने वाली पुष्पा देवी ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपना स्वरोजगार शुरू किया. जिसका नतीजा रहा कि वह आत्मनिर्भर बनने के साथ ही एक सफल लघु उद्यमी महिला के रूप समाज में अपनी पहचान स्थापित करने में कामयाब रही.
हरचंदपुर क्षेत्र की रहने वाली पुष्पा देवी बताती हैं कि वह बेहद गरीब परिवार से थी. घर का गुजारा किसी तरह से चल रहा था, लेकिन उन्होंने अपनी गरीबी को मात देने के लिए कुछ करने के बारे में सोचा. तभी वर्ष 2014 में गांव के ही रहने वाली संतोषी देवी ने उन्हें स्वयं सहायता समूह में जुड़ने की पेशकश की और इसके बारे में पूरी जानकारी दी. संतोषी देवी से प्रेरित होकर उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर कार्य करने लगी कई प्रशिक्षण के बाद वह अपने आमदनी को बढ़ाने की सोच रही थी. तभी इसी योजना के तहत पुष्पा देवी ने बैंक से आर्थिक सहायता लेकर अपनी स्वयं की आटा चक्की शुरू की जिसे वह स्वयं संचालित करती हैं. इसी आटा चक्की की बदौलत वह आज सालाना लाखों रुपए की आमदनी कर रही है.
पुष्पा देवी ने बताया की वह सरकार द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर अपना स्वरोजगार शुरू किया. जिसकी बदौलत वो समाज में अपनी एक नई पहचान स्थापित करने में कामयाब रही. साथ ही वह बताती हैं कि इस योजना से जुड़कर उन्होंने बैंक से आर्थिक सहायता लेकर अपनी स्वयं की आटा चक्की शुरू की जिससे वह महीने में 50 से 60हजार की आमदनी यानी की सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रही हैं.
वहीं ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के जिला मिशन प्रबंधक रायबरेली शैलेश तिवारी ने बताया कि अब ग्रामीण अंचल क्षेत्र की महिलाएं भी इस योजना के जरिए स्वरोजगार करने के साथ ही लघु उद्योगों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
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