पोकरण विधानसभा सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव में दिलचस्प लड़ाई होने वाली है। रेगिस्तान के बीच बसी परमाणु नगरी में भाजपा ने बाड़मेर स्थित तारातरा मठ के प्रमुख प्रतापपुरी को मैदान में उतारा है। वहीं कयास ये लगाया जा रहा है कि कांग्रेस मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद को मैदान में उतार सकती है।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार सालेह मोहम्मद ने जीत दर्ज की थी। कभी सालेह के पिता गाजी फकीर का इस इलाके में काफी दबदबा था। गाजी फकीर पाकिस्तान के सिंधी धर्मगुरु पीर पगारो के भारत में प्रतिनिधि हैं। इधर, बीजेपी ने लगातार दो बार के विधायक शैतान सिंह का टिकट काटकर स्वामी प्रतापपुरी को टिकट दिया था, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
हालांकि एक कयास ये भी लगाया जा रहा है कि सालेह मोहम्मद को दोहरी नाराजगी के चलते सीट गंवानी भी पड़ सकती है। जहां एक ओर जैसलमेर के विधायक रूपाराम धनदेव की टिकट में हस्तक्षेप करने पर प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति का वोट बैंक जोकि कांग्रेस का परंपरागत व मजबूत वोट बैंक माना जाता है। जो अब पूरी तरह लामबंद होकर मंत्री सालेह मोहम्मद के खिलाफ मोर्चा खड़ा करने की तैयारी में है।
इधर, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी पूरी तरह एक्शन मोड में है। बीजेपी कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक कहे जाने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों के वोटों में सेंध लगाने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के मुसलमान नेताओं व अनुसूचित जाति के नेताओं को पोकरण में झोंक रही है। इसको लेकर राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना पोकरण में डेरा डाले हुए हैं और गुलाम अली विधायक सालेह मोहम्मद से खफा मुस्लिम कौम के लोगों से लगातार सक्रिय होकर वन टू वन मुलाकात कर रहे हैं।
पिछले पंचायती राज चुनाव में पोकरण से भाजपा के उम्मीदवार प्रताप पूरी मंत्री सालेह मोहम्मद पर भारी पड़े थे। उन्होंने मंत्री के चिर प्रतिद्वंदी रूपाराम के सहयोग के चलते जैसलमेर जिला प्रमुख की सीट व पोकरण नगरपालिका सीट को भाजपा की झोली में डालकर अपने इरादे जता दिये थे कि वो इस बार आक्रामक तरीके से जोश व जूनुन के साथ मैदान में हैं।
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