दिल्ली में जिलाधिकारी के रूप में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक युवा अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद वह विवाद में घिर गये हैं. वीडियो में उन्हें एक संत को सम्मानित करते और अपनी आधिकारिक कुर्सी पर बैठाते हुए देखा जा सकता है. राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी और 2019 बैच के आईएएस अधिकारी लक्ष्य सिंघल ने अपनी ‘गलती’ स्वीकार करते हुए कहा है कि वह केवल अपने गुरु को सम्मान दे रहे थे, और इसका उनकी आधिकारिक जिम्मेदारी से कोई लेनादेना नहीं है.
सूत्रों के अनुसार, अधिकारी को चेतावनी दी गयी है कि भविष्य में इस तरह की चीजें नहीं हों. राजस्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि सिंघल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘वह शुरू से मेरे गुरु रहे हैं. मैंने उन्हें सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने ही कॉलेज के दिनों में मुझे यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी थी.’
अधिकारी के अनुसार, सिंघल ने यह भी कहा कि यह केवल सम्मान देने के मकसद से किया गया था और इसके जरिये उनके आधिकारिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि वह भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे. हालांकि, सिंघल से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. इसी साल फरवरी महीने में कर्नाटक सरकार ने सोशल मीडिया पर दो महिला ब्यूरोक्रेट के झगड़े के मामले में एक्शन लिया था.
तत्कालीन सीएम बोम्मई ने दोनों महिला अधिकारियों की बिना कहीं पोस्टिंग किए तबादला कर दिया. दरअसल, आईपीएस ऑफिसर डी रूपा मौदगिल ने आईएएस ऑफिसर रोहिणी सिंधुरी की प्राइवेट तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं. साथ ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे. इसके बाद रोहिणी ने रूपा को मानसिक रूप से बीमार बता दिया.
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