डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंशियल वेलफेयर फेडरेशन की टीम ने चर्चित निठारी कांड में पीड़ितों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने का फैलसा लिया है. निठारी हत्याकांड के पीड़ितों की ओर से डीडीआरडब्लूए फेडरेशन द्वारा उच्चतम न्यायालय में मुकदमा लड़ने के फैसले की जानकारी सोमवार को डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एम.पी. सिंह ने दी. बता दें निठारी हत्याकांड से जुड़े मामलों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय आरोपी को बरी कर दिया है. 20 अक्टूबर को मोनिंदर सिंह पंढेर को ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल से रिहा कर दिया गया था.
डीडीआरडब्लूए की ओर से मुकदमा लड़ने के बाद अब टीम ने पूरे मामले को सर्वोच्च न्यायालय ले जाने की कागजी प्रक्रिया भी शुरु कर दी है. उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता अनीता पांडेय व उनकी टीम लड़ेगी. डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंशियल वेलफेयर फेडरेशन की टीम सोमवार को निठारी गांव जाकर पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात की और उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए. टीम ने मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाने का आश्वासन भी दिया.
डीडीआरडब्लूए की टीम सोमवार को पीड़ित झब्बू, उनकी पत्नी सुनीता, रामकृष्ण और जमुना प्रसाद से मुलाकात करने निठारी गांव पहुंची. टीम ने यह भी कहा कि निठारी हत्याकांड के आरोपी रहे पंढेर और उसके नौकर को शहर में घुसने नहीं दिया जाएगा. संस्था के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि तीन पीड़ितों के स्वजन से भेंट की है. पीड़ितों से केस लड़ने के लिए अनुमति ली है. तीनों ने मामले में लिखित में सहमति दे दी है.
नोएडा के सबसे चर्चित और सनसनी फैलाने वाला निठारी कांड हत्याकांड का मामला दिसंबर 2006 में सामने आया था. मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से 19 बच्चों और एक युवती के कंकाल मिले थे. इसके बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मामले में 19 केस दर्ज किए थे. निचली अदालत ने पंढेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन 16 अक्टूबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उसे दोनों मामलों में बरी कर दिया. वहीं उसके नौकर सुरेंद्र कोली को भी 14 मामलों में बरी कर दिया गया. कोली अभी दो मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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