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चायवाले की मुहिम... 12 गांवों को किया प्लास्टिक कचरा मुक्त:3 साल में जुटाई 5000 KG पॉलीथिन, कचरे से बनाएंगे मेज-कुर्सियां

आपके घर और दुकान से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा (नमकीन, चिप्स, दूध का पैकेट) और किसी भी तरह की पॉलीथिन लाइए, 20 रुपए प्रति किलो पाइए।
'प्लास्टिक हटाओ, जंगल बचाओ'

अपनी चाय की दुकान पर इस तरह का बैनर लगाने वाले ग्रीन वॉरियर कानाराम मेवाड़ा (33) पुत्र लालचंद मेवाड़ा अपने अभियान के कारण चर्चा में हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए 10वीं फेल कानाराम ने प्लास्टिक कचरे को इकट्‌ठा करने और रीयूज (दोबारा इस्तेमाल) करने लायक बनाने के मिशन में जुटे हैं। वे डोर-टू-डोर जाकर प्लास्टिक इकट्‌ठा करते हैं और इसके बदले रुपए, गिफ्ट आदि देते हैं।

पाली जिला मुख्यालय से 88 किलोमीटर दूर गांव बिसलपुर में चायवाले कानाराम मेवाड़ा को उनके इस अभियान के लिए दिल्ली में भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय सम्मानित कर चुका है। पेशे से चायवाले कानाराम पिछले 3 साल में 5 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर चुके हैं। उनका गोदाम प्लास्टिक वेस्ट से भर चुका है। अब एक एनजीओ के सहयोग से उन्होंने एक मशीन खरीदी है, जिसके जरिए इस प्लास्टिक से फर्नीचर और अन्य इस्तेमाल कर सकने वाले प्रोडक्ट तैयार करेंगे।

कानाराम के प्रयासों से पाली के जवाई बांध इलाके के 12 से ज्यादा गांवों में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगी। अब ये गांव साफ-सुथरे नजर आने लगे हैं। कानाराम का कहना है- प्लास्टिक जमीन को बंजर बनाता है।

गांव घूमने आए विदेशी पर्यटक ने कचरा देख नाक बंद किया तो बुरा लगा

कानाराम मेवाड़ा ने बताया- गांव में मेरी चाय की छोटी दुकान है। इसी से घर चलता है। जवाई बांध क्षेत्र टूरिज्म एरिया है। यहां अक्सर विदेशी सैलानी गांव का कल्चर देखने आते हैं। 3 साल पहले विदेशी सैलानियों का एक दल बिसलपुर गांव घूमने आया।

गांव की नाली में प्लास्टिक की थैलियों के फंसने से गंदा पानी सड़क पर फैला हुआ था। यह देख सैलानियों ने अपनी नाक बंद कर ली और अंग्रेजी में बोले- यहां कितनी गंदगी है। यह बात दिल में चुभ गई। सोचा कि गंदगी से हमारे गांव की बदनामी हुई। कुछ ऐसा किया जाए कि मेहमान गांव की तारीफ करें।

पॉलीथिन को लेकर मुंबई में सामाजिक संस्था चलाने वाले बिसलपुर निवासी दिलीप कुमार जैन से मुलाकात हुई। दिलीप ने बताया कि प्लास्टिक जमीन को बंजर बनाता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए गांव को प्लास्टिक मुक्त करना होगा।

12 से ज्यादा गांवों से आता है प्लास्टिक कचरा
कानाराम मेवाड़ा ने बताया- पहले मैं खुद ही डोर-टू-डोर जाकर कचरा एकत्रित करता था। फिर लगा कि ऐसे तो कई साल लग जाएंगे। फिर दुकान के बाहर एक पोस्टर चस्पा कर दिया। इस पर लिखवाया- प्लास्टिक का वेस्ट लाओ और इनाम पाओ। एक किलो प्लास्टिक के बदले 20 रुपए देने लगा। यह स्कीम काम कर गई। बच्चे प्लास्टिक की थैलियां लेकर आने लगे।

अब कचरे से बनाएंगे बेंच-कुर्सियां
कानाराम मेवाड़ा ने 3 साल में जुटे 5 टन प्लास्टिक को रखने के लिए किराए पर गोदाम लिया। एनजीओ से जुड़े दिलीप कुमार जैन की मदद से 10 लाख रुपए में एक मशीन खरीदी है। इससे इस वेस्ट से बेंच, डस्टबिन, कुर्सियां आदि बनाई जा सकेंगी। कचरे का भी निपटारा होगा। इस तरह प्लास्टिक का दोबारा इस्तेमाल हो सकेगा।

कानाराम मशीन बेचने वाली कंपनी से 15 दिन की ट्रेनिंग भी लेकर आए हैं। उन्होंने इसे ऑपरेट करना सीख लिया है। वेस्ट प्लास्टिक से उन्होंने तकिया, टी-टेबल, डस्टर, सजावटी सामान आदि बनाया भी है, जो लोगों को पसंद आ रहा है। इस काम में कानाराम की पत्नी मोनिका भी मदद कर रही हैं।

इन गांवों से आता है प्लास्टिक कचरा
कानाराम ने बताया- बलवना, बिसलपुर, जिवदा, सेणा, बेड़ा, दूदनी, भाटूंड, जवाई बांध, रावत, कोठार सहित 12 से ज्यादा गांवों का वेस्ट (प्लास्टिक) इकट्‌ठा हो रहा है। गांव के लोग अब कचरा जुटाकर लाते हैं और कानाराम के गोदाम में रखवाते हैं। इसके लिए कानाराम रुपए के अलावा पौधे और किताबें गिफ्ट के तौर पर भी देते हैं। जवाई, दूदनी व बेड़ा गांव से उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत की थी।

गांव और स्कूलों में जाकर चलाया जागरूकता अभियान
कानाराम ने बताया कि वे समय-समय पर आस-पास के गांवों और स्कूलों में जाते हैं। लोगों को, बच्चों को प्लास्टिक कचरे को लेकर जागरूक करते हैं। इसका सकारात्मक असर देखने को मिला है। अब इन गांवों में प्लास्टिक का कचरा सड़कों पर नजर नहीं आता। लोग प्लास्टिक वेस्ट को घर में रखते हैं और कानाराम को सौंप देते हैं।

बोले- कोई सैलानी यह न कहे कि इंडिया के गांव गंदे हैं
कानाराम ने कहा कि जवाई एरिया के गांव साफ-सुथरे और प्लास्टिक मुक्त रहें, यही मेरा मिशन है। चाहत यही कि विदेश से जब भारत के किसी भी गांव में सैलानी पहुंचें तो यह न कहें कि भारत के गांव गंदे हैं।

केंद्र सरकार ने किया सम्मानित
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने पर कानाराम मेवाड़ा को पाली जिले से ग्रीन वॉरियर चुना गया। नई दिल्ली में भारत सरकार के विदेश व संस्कृति मंत्रालय की ओर से उनका सम्मान किया गया। दिल्ली में इसके लिए लाइफ स्टाइल एनवायरमेंट समारोह में डीजेइडी फाउंडेशन (एनजीओ) मुंबई के नेतृत्व में यह कार्यक्रम हुआ।

कानाराम को ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने, जल जंगल और जमीन बचाने का अभियान चलाने, लोगों को प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने, वेस्ट प्लास्टिक को एकत्रित कर दोबारा उपयोग लायक बनाने, लेपर्ड कंजर्वेशन क्षेत्र में तालाब निर्माण व पौधरोपण करने, पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया था।

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