दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 6 साल के लिए चुनावी बैन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता एडवोकेट आनंद एस जोंधले का आरोप था कि PM नरेंद्र मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। चुनाव आयोग की तरफ से एडवोकेट सिद्धांत कुमार ने पैरवी की।
कोर्ट ने कहा कि याचिका कई कारणों से पूरी तरह से गलत है। याचिकाकर्ता का मानना है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ, लेकिन हमारे लिए चुनाव आयोग को किसी शिकायत पर कोई विशेष नजरिया अपनाने का निर्देश देना सही नहीं है। चुनाव आयोग जोंधले की शिकायत पर कानून के मुताबिक एक्शन लेगा। हम ये याचिका करते हैं।
जोंधले ने 15 अप्रैल को अपनी याचिका में कहा था कि PM मोदी भगवान और मंदिरों के नाम पर लोगों से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने कहा- PM ने 9 अप्रैल को UP के पीलीभीत में अपने भाषण के दौरान हिंदू देवी-देवताओं, सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे। इसी स्पीच को एडवोकेट जोंधले ने याचिका का आधार बनाया।
याचिकाकर्ता जोंधले- यह बहुत खतरनाक भाषण है, जो देश को बांट सकता है।
हाईकोर्ट- आपकी शिकायत चुनाव आयोग में लंबित है।
चुनाव आयोग के वकील सिद्धांत कुमार- यह 21 अप्रैल का भाषण है। चुनाव आयोग को ऐसी शिकायतें रोजाना मिल रही हैं।
जोंधले- नोटिस में अपराधी का नाम नहीं लिखा है। उन्होंने मेरी शिकायत की पावती (रीसिप्ट) भी नहीं ली।
कोर्ट- आप यह चाहते हैं कि चुनाव आयोग को इस तरह से कार्रवाई करनी चाहिए जैसे कि वे अपराधी हों। वैसे भी मैं उनकी दलीलों पर ध्यान दूंगा।
कुमार- चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। उन्होंने अपना आवेदन दाखिल कर दिया है और हम इस पर कार्रवाई करेंगे।
कोर्ट- याचिका कई कारणों से पूरी तरह से गलत है। याचिकाकर्ता का मानना है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ, लेकिन हमारे लिए चुनाव आयोग को किसी शिकायत पर कोई विशेष नजरिया अपनाने का निर्देश देना सही नहीं है। चुनाव आयोग जोंधले की शिकायत पर कानून के मुताबिक एक्शन लेगा। हम ये याचिका करते हैं।
PM की कुछ टिप्पणियां नफरत पैदा करती हैं- याचिकाकर्ता
जोंधले के मुताबिक, मोदी ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर का निर्माण करवाया। करतारपुर साहिब कॉरिडोर का विकास करवाया। PM ने कहा कि उन्होंने गुरुद्वारों में परोसे जाने वाले लंगर में इस्तेमाल होने वाले सामान से GST हटाया। साथ ही अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां वापस मंगवाईं।
याचिकाकर्ता जोंधले ने कहा कि आचार संहिता के तहत कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता, जो दो जातियों या समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती है
उन्होंने बताया कि वे मोदी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास भी गए थे और IPC की धारा 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत कार्रवाई की मांग भी की थी। हालांकि, आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया।
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