दिल्ली LG वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इनकी नियुक्ति की थी।आदेश में DCW एक्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि आयोग केवल 40 कर्मचारियों को ही रख सकता है। लेकिन, LG की मंजूरी के बिना 223 नए पद बनाए गए हैं। आयोग के पास कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
स्वाति मालीवाल ने जनवरी 2024 में आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा में सांसद पद के लिए नॉमिनेट किया था।
एंटी करप्शन ब्यूरो भी स्वाति के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करा चुका
स्वाति मालीवाल को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2015 में ही प्रदेश महिला आयोग का अध्यक्ष बना दिया था। उससे पहले वे सीएम केजरीवाल की सलाहकार रह चुकी थीं। दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष बनने के बाद स्वाति मालीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया। दिल्ली पुलिस की एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने आयोग में अवैध नियुक्तियों के आरोप में स्वाति के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी।
ACB का दावा था कि आयोग में नियुक्त लोगों से पूछताछ के बाद य खुलासा हुआ है कि 91 नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया था। उस वक्त स्वाति मालीवाल ने कहा था कि अगर वे जेल भी चली जाएंगी तो भी उनका काम नहीं रुकेगा। वे जेल से ही महिलाओं की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करके दिल्ली सरकार को सौंपती रहेंगी।
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