दुबई में 15 दिन के बाद फिर से तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई शहरों में पानी भरने की संभावना जताई जा रही है। UAE के मौसम विभाग के मुताबिक, 2 और 3 मई तक पूरे देश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दुबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DXB) से चार उड़ानें रद्द की गई हैं। दुबई की मीडिया खलीज टाइम्स के मुताबिक, शहर में बारिश के कारण स्कूल और बस सेवाओं को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। शारजहां सिटी में पानी भरने लगा है। अबू धाबी के शेख राशिद बिन सईद स्ट्रीट एयरपोर्ट पर भी तेज बारिश के बाद पानी भर गया।
8 शहरों में ओरेंज अलर्ट
दुबई पुलिस ने हालात की गंभीरता को देखते हुए अमीरात के कई इलाकों में सड़कों को बंद कर दिया है। इतना ही नहीं कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं। अथॉरिटी ने लोगों को बाहर न निकलने के लिए गाइडलाइन जारी की है। UAE के 8 शहरों में बारिश का ओरेंज अलर्ट है और कई जगह सड़कों पर पेड़ भी गिरे हुए है।
इससे पहले 15 और 16 अप्रैल को UAE, सऊदी अरब, बहरीन और ओमान में भारी बारिश की शुरुआत हुई थी। ये देखते ही देखते तूफान में बदल गई थी। तब रेगिस्तान के बीच बसे शहर दुबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तो बीते 24 घंटे में 6.26 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। मौसम संबंधी जानकारी देने वाली वेबसाइट 'द वेदरमैन डॉट कॉम' के मुताबिक यहां इतनी बारिश दो सालों में होती है।
खाड़ी देशों में आई इस बाढ़ की वजह कुछ एक्सपर्ट्स ने क्लाउड सीडिंग यानी आर्टिफिशियल बारिश को बताया था। एसोसिएट प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि दुबई प्रशासन ने 15 अप्रैल को क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराने के लिए एक विमान उड़ाया था। इसके कुछ देर बाद ही खाड़ी देशों को भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ा था।
क्या क्लाउड सीडिंग से बादल फटने से UAE समेत खाड़ी देशों में बाढ़ आई है?
जब एक निश्चित जगह पर एक निश्चित समय में बहुत ज्यादा बारिश हो जाती है, तो उसे हम बादल फटना कहते हैं। बादल फटना इस बात पर निर्भर करता है कि क्लाउड सीडिंग से कितने बादल जमा हुए हैं।
अगर बहुत ज्यादा भाप से भरे बादलों की पहचान करके उसमें क्लाउड सीडिंग करा दें, तो बादल फट सकते हैं। ऐसे में संभव है कि UAE समेत खाड़ी देशों में इसकी वजह से तेज बारिश आई हो। जो बाढ़ की वजह बनी।
हालांकि, अमेरिकी मौसम वैज्ञानिक रयान माउ इस बात को मानने से इनकार करते हैं कि दुबई में बाढ़ की वजह क्लाउड सीडिंग है। उनके मुताबिक खाड़ी देशों पर बादल की पतली लेयर होती है। वहां क्लाउड सीडिंग के बावजूद इतनी बारिश नहीं हो सकती है कि बाढ़ आ जाए। क्लाउड सीडिंग से एक बार में बारिश हो सकती है। इससे कई दिनों तक रुक-रुक कर बारिश नहीं होती जैसा की वहां हो रहा है।
माउ के मुताबिक UAE और ओमान जैसे देशों में तेज बारिश की वजह क्लाइमेट चेंज है। जो क्लाउड सीडिंग पर इल्जाम लगा रहे हैं वो ज्यादातर उस मानसिकता के हैं जो ये मानते ही नहीं कि क्लाइमेट चेंज जैसी कोई चीज होती है।
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