2 मई 2024 की रात। PM नरेंद्र मोदी कोलकता स्थित राजभवन पहुंचने वाले थे। रात यहीं गुजारकर अगले दिन उन्हें पश्चिम बंगाल के कई चुनावी कार्यक्रमों में शामिल होना था। PM के पहुंचने से कुछ घंटे पहले एक महिला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दो अलग-अलग मौकों पर उसका यौन उत्पीड़न किया है।
महिला की शिकायत के बावजूद राज्यपाल के खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज नहीं हुआ है। बंगाल पुलिस कानूनी सलाह ले रही है कि इस मामले में कार्रवाई कैसे की जाए? इसकी वजह यह है कि राज्यपाल के पद पर रहने वाले व्यक्ति को संविधान से केस और गिरफ्तारी से इम्यूनिटी मिली हुई है।
राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी 2019 से पश्चिम बंगाल के राजभवन में संविदा पर काम कर रही हैं। वो राजभवन के ही आवासीय क्वार्टर में रहती हैं और टेलीफोन कक्ष में ड्यूटी करती हैं।
पश्चिम बंगाल पुलिस से अपनी शिकायत में महिला ने कहा है कि दो मौके पर राज्यपाल सीवी आनंद ने उसका यौन उत्पीड़न किया। शिकायत पत्र में महिला ने राज्यपाल पर कुछ इस तरह से आरोप लगाए हैं…
‘19 अप्रैल को राज्यपाल ने मुझसे कुछ समय निकालने और अपने CV के साथ उनसे मिलने के लिए कहा था। करीब 5 दिन बाद 24 अप्रैल को दोपहर के करीब 12.45 बजे मैं उनसे मिलने के लिए राजभवन पहुंची थी।
उन्होंने थोड़ी देर बात करने के बाद मुझे गलत तरीके से छूने की कोशिश की। मैं किसी तरह खुद को बचाकर उनके पास से निकलने में कामयाब रही। उन्होंने 2 मई को दोबारा से कॉल करके मुझे अपने पास बुलाया।
मैं डरी हुई थी, इसलिए अपने सीनियर को साथ लेकर उनसे मिलने के लिए राजभवन पहुंची। राज्यपाल ने मुझसे कुछ देर बात करने के बाद मेरे पर्यवेक्षक और सीनियर अधिकारी को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने प्रमोशन की बात कहकर मुझसे लंबी बातचीत करने की कोशिश की।
कुछ देर बाद वो मुझे गलत तरीके से छूने लगे। मैंने इसका विरोध किया और वहां से निकलने की कोशिश करने लगी। राज्यपाल ने किसी से नहीं बताने की बात कहकर मुझे जाने दिया।’
राजभवन से बाहर आने के बाद महिला ने वहां तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत की। सेंट्रल डिवीजन की उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें एक शिकायत मिली है और हम जांच कर रहे हैं। हम इस मामले पर कानून विभाग के संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ भी परामर्श कर रहे हैं। महिला का आरोप है कि राजभवन के अंदर उसके साथ छेड़छाड़ की गई।’
राजभवन ने इन आरोपों का खंडन किया है। राज्यपाल बोस ने कहा, 'मैं गढ़ी गई कहानियों से डरने वाला नहीं हूं। अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। लेकिन, वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।’
राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘दो असंतुष्ट कर्मचारी जो अपमानजनक काम कर रहे हैं, उसके बाद ही राजभवन के कर्मचारियों ने राज्यपाल के साथ एकजुटता व्यक्त की है।’
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