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टिकट कटने पर सांसद राहुल कस्वां ने जताई नाराजगी:बोले-मेरा गुनाह क्या था?; दो बार MP रहे विश्नोई ने कहा-जहां कद्र हो, वहां बोलो

बीजेपी में पांच सांसदों के लोकसभा टिकट कटने के बाद अब नाराजगी के सुर उठने शुरू हो गए हैं। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने टिकट कटने के बाद खुलकर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही जोधपुर से दो बार सांसद रहे जसवंत विश्नोई ने भी सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है।

राहुल कस्वां की जगह पैरा ओलिंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया गया है। राहुल कस्वां ने टिकट कटने पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाए हैं। इसे बगावत के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

कस्वां ने लिखा- आखिर मेरा गुनाह क्या था? क्या मैं ईमानदार नहीं था? क्या मैं मेहनती नहीं था? क्या मैं निष्ठावान नहीं था? क्या मैं दागदार था? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी? माननीय प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था।

कस्वां ने आगे लिखा- और क्या चाहिए था? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा,सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे। कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं।

टिकट कटते ही दे दिए थे नाराजगी के संकेत
राहुल कस्वां ने बीजेपी से टिकट कटते ही नाराजगी के संकेत ​दे दिए थे। 3 मार्च को ही राहुल कस्वां ने सोशल मीडिया पर लिखा था- राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार! लेकर विश्वास-पाकर आपका साथ, देकर हर संकट को मात, ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाएंगे, उत्थानों के शिखर चढ़ते जाएंगे। आप सभी संयम रखें। आगामी कुछ दिन बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा, जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी।

राजेंद्र राठौड़ ने राहुल कस्वां पर लगाए थे विधानसभा चुनाव में भितरघात करने के आरोप
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के तारानगर से विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राहुल कस्वां पर भितरघात करने के आरोप लगे थे। राजेंद्र राठौड़ ने राहुल कस्वां की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हरवाने के लिए काम करने के आरोप लगाए थे। राहुल कस्वां का टिकट कटने के पीछे इसी को बड़ा कारण माना जा रहा है। उनकी शिकायत विधानसभा चुनावों के बाद हाईकमान तक की गई थी।

राहुल कस्वां का बयान बगावत का संकेत
राहुल कस्वां ने टिकट कटने के तीसरे दिन जिस तरह से खुलकर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं, उन्हें बगावत की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राहुल कस्वां का यह बयान एक तय रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। पहले पार्टी से टिकट कटने पर जवाब मांगकर आगे का सियासी रास्ता शुरू करने की भूमिका तैयार की गई है। अब तक किसी नेता ने टिकट कटने पर इस भाषा में बयान नहीं दिया।

राहुल कस्वां के ​पिता चार बार बीजेपी के सांसद, मां विधायक रह चुकीं
राहुल कस्वां चूरू से दो बार के सांसद हैं। राहुल कस्वां चूरू जिले के जाने माने सियासी परिवार से ताल्लुक​ रखते हैं। उनके पिता रामसिंह कस्वां चूरू से चार बार बीजेपी के सांसद और एक बार विधायक रह चुके हैं। राम सिंह कस्वां ने कांग्रेस के दिग्गज नेता बलराम जाखड़ को चूरू से लोकसभा में हराया था। राम सिंह कस्वां की पत्नी और राहुल कस्वां की मां कमला कस्वां सादुलपुर से बीजेपी की विधायक रह चुकी हैं। 2014 में राहुल कस्वां को पहली बार बीजेपी का टिकट मिला और वे चूरू से जीते।

राजस्थान में पांच नेताओं के टिकट कटे
राजस्थान में बीजेपी ने 15 सीटों पर 2 फरवरी( शनिवार) को उम्मीदवारों की घोषणा की थी। पांच सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए थे। बीजेपी ने चूरू से राहुल कस्वां के साथ बांसवाड़ा से कनकमल कटारा, भरतपुर से रंजीता कोली, जालोर-सिरोही से देवजी पटेल, उदयपुर से अर्जुन मीणा के टिकट काटे गए थे, लेकिन किसी ने नाराजगी नहीं जताई। कस्वां के अलावा सभी ने सोशल मीडिया पोस्ट करके नए उम्मीदवारों को बधाई दी और इस कदम को पीएम के 400 सीट जीतने में योगदान वाला बताया। कस्वां ने टिकट कटने के बाद नाराजगी जाहिर की।

पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई भी नाराज
जोधपुर से पूर्व सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत विश्नोई ने भी इशारों-इशारों में नाराजगी जाहिर की है। पिछले तीन दिन से जसवंत विश्नोई सोशल मीडिया पोस्ट करके लगाता नाराजगी जता रहे हैं। विश्नोई ने लिखा- कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं। हमसे अपने रूठ न जाएं, इसलिए चुप रहते हैं। आज सुबह उन्होंने लिखा- मैंने फैसला किया है कि अब मैं एक पोस्ट चुनाव की घोषणा के बाद लिखूंगा, उसके बाद भविष्य में किसी प्रकार की पोस्ट नहीं लिखूंगा।

जज्बाताें को वहां प्रकट करो, जहां कद्र हो
इससे पहले जसवंत विश्नोई ने 2 मार्च को लिखा था- मेरा अनुभव कहता है कि जज्बातों को वहां प्रकट करो, जहां कद्र हो, यूं तो आंख से गिरा आंसू भी पानी लगता है। विश्नोई ने एक और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ए मेरे मन सफर ही सही, इस भीड़ से, हर रिश्ता थोड़ी देर में, बदल जाता है। यूं तो शोर बहुत है,अपनेपन का, पर वक्त के आगे हर नकाब उतर जाता है।

समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी
जसवंत विश्नोई ने खुद की नाराजगी को लेकर इशारों में संकेत दिए। उन्होंने 2 मार्च को गुस्से में ट्वीट करते हुए लिखा- समझने वाले समझ गए,ना समझे वो अनाड़ी।

जसवंत विश्नोई दो बार जोधपुर से सांसद, शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके
जसवंत विश्नोई दो बार जोधपुर से सासंद रह चुके हैं। विश्नोई 1999 से 2009 तक दो बार जोधुपर से सांसद रहे। इससे पहले वे 1993 से 1998 तक लूणी से विधायक और भैरोसिंह शेखावत सरकार में मंत्री रहे। साल 2014 में वे केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वसुंधरा सरकार में विश्नोई खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं।

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