जोधपुर. गत वर्ष दिवाली से पहले आईडीएफसी बैंक के सर्वर में हुई तकनीकी खराबी का फायदा उठाते हुए यूको बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामले में सीबीआई की टीमों ने जोधपुर में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है. बुधवार को फलोदी जिले के लोहावट में सीबीआई की टीमों ने छापेमारी करते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जयपुर, जोधपुर व अन्य सीबीआई शाखाओं से 70 से ज्यादा टीमों ने जोधपुर, फलोदी, लोहावट, बाड़मेर, भोजासर सहित अन्य इलाकों में दबिश दी है.
दरअसल, साल 2023 में दिवाली के आसपास लोगों को यह पता चला कि आईडीएफसी बैंक से यूको बैंक के खातों में यूपीआई एमपीएस ट्रांसफर करने पर पैसा आईडीएफसी बैंक के खाते से कट नहीं रहा है, जबकि यूको बैंक के खाते में पैसा जमा हो रहा है. इसके चलते क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने एक दूसरे से यह बात शेयर करते हुए 820 करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन कर यूको बैंक में ट्रांसफर कर लिया. कुछ ने पैसा उठा भी लिया था.
हालांकि, बैंक ने पता चलते ही रिकवरी शुरू कर दी थी, लेकिन बताया जा रहा है कि 200 करोड़ रुपये अभी भी बाकी हैं. यह राशि ज्यादातर लोहावट क्षेत्र के खाता धारकों के पास हैं, जिन्होंने गैंग बनाकर ट्रांजैक्शन किए थे. जोधपुर पाल लिंक रोड स्थित यूको बैंक ने शास्त्री नगर थाने में एक रिपोर्ट दी थी, लेकिन उसमें किसी तरह की राशि नहीं बताई थी. खाता नंबर दिया था. पुलिस ने लक्ष्मण विश्नोई को हिरासत में लिया था. यूको बैंक को जयपुर साइबर थाने में रिपोर्ट के लिए कहा गया. तब तक जयपुर में 151 करोड़ रुपये के घोटाले की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. इसके बाद पड़ताल में कुछ लोग गिरफ्तार किए गए. मामला बैंकों से जुड़ा था, जिसकी जांच सीबीआई को दी गई. सीबीआई ने एक साथ कार्रवाई के लिए कई जगह दबिश दी.
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