पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक लेटर चर्चा में रहा। इसमें राजस्थान में चल रहे 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के रिव्यू करने की बात कही गई थी। शिक्षा विभाग के लेटर के बाद इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके परिजनों में असमंजस की स्थिति हो गई कि स्कूल इंग्लिश मीडियम में चलेंगे या हिंदी मीडियम में।
भास्कर ने इसको लेकर शिक्षा मंत्री से बात की और पूछा कि क्या सरकार महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद करने जा रही है। इसके अलावा स्कूलों में रिक्त चल रहे पदों पर भर्तियां कब होगी। क्या लोकसभा चुनाव के परिणाम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भविष्य तय करेंगे। ऐसे तमाम सवाल पूछे, जिनका शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया।
सवाल- राजस्थान में नए शैक्षणिक सत्र में सरकार इस बार क्या नवाचार करने जा रही है?
जवाब- जो बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते हैं या फिर जिनका एडमिशन नहीं होता है। उन्हें स्कूलों में एडमिशन दिलाना हमारी प्राथमिकता होगी। इस बार नामांकन बढ़ाने के साथ ही हम स्कूलों में प्रवेश उत्सव भी मनाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों का एडमिशन हो।
सवाल- राजस्थान में रीट और शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए लाखों स्टूडेंट्स इंतजार कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का इंतजार कब पूरा होगा?
जवाब- राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा में कांग्रेस राज में काफी घोटाले हुए हैं। इसकी जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग द्वारा भी नए सिरे से शिक्षक भर्ती परीक्षा मामले पर अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
सवाल- क्या सरकार शिक्षक भर्ती परीक्षा का पैटर्न बदलने जा रही है। अगर ऐसा हो रहा है, तो कब तक यह प्रक्रिया पूरी होगी?
जवाब- शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। स्टूडेंट्स के लिए जो सबसे बेहतर होगा। हमारी सरकार उस पॉलिसी को धरातल पर लाने का काम करेगी।
सवाल- राजस्थान में स्कूलों के हालात बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुके हैं। प्रदेशभर में कई जगह बाड़ों (खुले मैदान) में बैठकर स्टूडेंट पढ़ने को मजबूर हैं। आखिर ऐसे हालत कब सुधरेंगे?
जवाब- राजस्थान में स्कूलों के हालात ठीक नहीं है। कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उसका फल उन्हें मिल चुका है, लेकिन उनके पापों की वजह से जो स्टूडेंट्स और स्कूलों का नुकसान हुआ है। हमारी सरकार धीरे-धीरे उन्हें ठीक करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के नेताओं ने अनाप-शनाप भ्रष्टाचार किया। इसमें मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री भी शामिल थे। उन्हीं की वजह से राजस्थान में स्कूलों के ऐसे हालात हैं।
सवाल- शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में पद रिक्त चल रहे हैं। आखिर इन पदों पर भर्ती कब होगी?
जवाब- शिक्षा विभाग में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती करने के लिए हमारी सरकार तैयारी कर रही है। हम कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सभी रिक्त पदों को भरा जाए, ताकि शिक्षा विभाग के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य सही तरीके और सही समय पर पूरे हो सकें।
सवाल- राजस्थान के टीचर्स पिछले कई वर्षों से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। आखिर उनका इंतजार कब और किस पॉलिसी के आधार पर पूरा होगा?
जवाब - शिक्षा विभाग भी मुख्यमंत्री के अधीन आता है, ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल ट्रांसफर को लेकर जो भी प्रारूप तय करेंगे, उसी के मुताबिक हम भी काम करेंगे। उसी आधार पर टीचर्स के ट्रांसफर होंगे।
सवाल- शिक्षा विभाग के टीचर्स डेपुटेशन और पद के विपरीत पढ़ाने की जगह कुछ और काम कर रहे हैं। आखिर इस तरह के मामलों पर कब और कैसे अंकुश लगाएंगे?
जवाब- डेपुटेशन और पद के विपरीत काम कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के मूल पद पर लौटने को लेकर हमने आदेश जारी कर दिया है। उन्हें अपने मूल विभाग और पद पर आना होगा। शिक्षा विभाग के जो भी टीचर्स हैं, उनमें से अधिकांश फिर से अपने मूल विभाग और पद पर आ गए हैं।
हालांकि अभी काफी ऐसे टीचर्स हैं, जो पद के विपरीत दूसरे विभागों और पद पर काम कर रहे हैं, लेकिन 6 जून के बाद ऐसा नहीं होगा। उन्हें सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही करना होगा। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके साथ ही उनके सुपरविजन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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