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केरल पहुंचा मानसून, एमपी-राजस्थान कब पहुंचेगा: ला-नीना क्या है, जो कराएगा जमकर बारिश, जून-जुलाई के मौसम का पूरा मिजाज

भयंकर हीटवेव झेल रहे उत्तर-पश्चिम और सेंट्रल इंडिया के लोगों के लिए सुकून भरी खबर है। मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने 31 मई का अनुमान लगाया था, लेकिन ये एक दिन पहले ही पहुंच गया। अब मानसूनी हवाएं तेजी से पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रही हैं। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अब पूरे देश में तामपान कम होगा।

 केरल पहुंचने के बाद मानसून पहले से तय रास्ते में पूर्वोत्तर की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। 8 जून तक मानसून दक्षिणी भारत और पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों में पहुंच जाएगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान की तरफ बढ़ेगा। मध्य प्रदेश में 15 जून तक मानसून की पहली लहर आने की संभावना है, जो इंदौर और आसपास से होकर गुजर जाएगी। 20 जून तक यहां मानसून की दूसरी लहर आ जाएगी।

वहीं, महाराष्ट्र में 10 जून, छत्तीसगढ़ में 15 जून, बिहार और झारखंड में 15 से 18 जून, यूपी में 20 जून तक मानसून आने की संभावना है। सबसे अंत में राजस्थान में 30 जून तक मानसून आने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून आने के बाद अगले 5 दिन उत्तर पश्चिम और सेंट्रल भारत का तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। हालांकि, अभी गर्मी से पूरी तरह से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

इसकी वजह ये है कि जून महीने में देश के उत्तरी पश्चिमी राज्य जैसे- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में इस बार दोगुने दिन हीटवेव चलने की आशंका है। आमतौर पर जून महीने में हीटवेव के दिन 3 होते हैं, जबकि इस बार कम-से-कम 6 दिन हीटवेव चलने की आशंका है।

जून के पहले सप्ताह में मानसून दक्षिण-पूर्व-पूर्वोत्तर के राज्यों में छा जाएगा। इससे हवा में नमी बढ़ेगी, लेकिन हरियाणा, पंजाब, दिल्ली से लेकर मध्य भारत के राज्यों में आने वाली हवाएं उमस बढ़ाएंगी।

 पिछले साल के मुकाबले इस मानसून सीजन में कितनी बारिश होगी?

 मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक इस साल देश में मानसूनी बारिश सामान्य से थोड़ी ज्यादा रहने का अनुमान है। देश में 1 जून से 3 सितंबर यानी करीब 3 महीने मानसून का सीजन होता है। इस समय देश में सामान्य बारिश 721 मिमी होती है। पिछले साल इस समय के दौरान 639 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य से करीब 11% कम थी।

मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल 870 मिमी बारिश होगी। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इसकी वजह से मानसून सीजन में अच्छी-खासी बारिश होने की संभावना है।

मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत के मुताबिक मध्य भारत जैसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश रहने की संभावना है। इसके अलावा उत्तरी भारत जैसे- हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब और हरियाणा और राजस्थान में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी।

बिहार, झारखंड, ओडिशा में सामान्य या सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इसकी वजह ये है कि पिछले कुछ सालों में बंगाल की खाड़ी से होकर चलने वाली मानसूनी हवा की दिशा बदल गई है। पहले ये हवा झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती थी, जबकि पिछले कुछ साल से ये हवा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से होकर गुजरती है।

 

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