बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जनता दल (सेक्युलर) JD(S) निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को उनके बेटे के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े अपहरण के एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी. हाई कोर्ट के द्वारा उसे जमानत देने के निर्णय में यह अनिवार्य किया गया है कि उसे विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में पूर्ण सहयोग करना होगा, जो प्रज्वल के खिलाफ कथित यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रहा है.
बता दें, पिछले सप्ताह एसआईटी ने भवानी को नोटिस जारी कर उनसे उनके बेटे के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े अपहरण मामले में पूछताछ के लिए उनके घर पर उपस्थित होने को कहा था. हालांकि, जब एसआईटी की एक टीम भवानी के घर ‘चेन्नम्बिका निलय’ पहुंची, तो वह मौजूद नहीं थीं. हाई कोर्ट के आदेश में भवानी को हसन जिले या मैसूर के केआर नगर में प्रवेश करने पर भी रोक लगाई गई है.
इन शर्तों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जांच में शामिल पक्षों के किसी भी हस्तक्षेप या प्रभाव के बिना आगे बढ़ा जाए. न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि राज्य और पुलिस को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ता को ना तो गिरफ्तार करें और ना ही उसे हिरासत में रखें. यह सख्त शर्तों का पालन करते हुए है, यह जमानत देने वाला आदेश है और याचिकाकर्ता को नहीं दिया गया है और इसका जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए.
इसके अलावा, कोर्ट ने भवानी को शुक्रवार को दोपहर 1 बजे तक क्षेत्राधिकार जांच अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. आदेश में कहा गया है कि जांच की आड़ में उसे शाम 5 बजे से अधिक कार्यालय में नहीं रखा जाएगा. हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को स्थगित रखा जाए. मजिस्ट्रेट अदालत ने 31 मई के अपने आदेश में भवानी द्वारा अग्रिम जमानत की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार विधायक एच डी रेवन्ना की पत्नी भवानी रेवन्ना अंतरिम अग्रिम जमानत मिलने के बाद एसआईटी जांचकर्ताओं के समक्ष पेश हुई हैं.
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