कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार 13 जून को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पूर्व CM के खिलाफ एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी। मामला 2 फरवरी को बेंगलुरु का है। मामले में येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
बुधवार को CID ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेजा था। इसका जवाब देते हुए उनके वकील ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है। उन्होंने 17 जून को पूछताछ में शामिल होने की बात कही है, क्योंकि वह इस समय दिल्ली में हैं। नाबालिग की मां की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO और 354 (A) के तहत मामला दर्ज किया गया था। FIR दर्ज करवाने वाली महिला (पीड़ित की मां) की 26 मई को मौत हो गई थी। वह लंग कैंसर की मरीज थीं। हालांकि कर्नाटक DIG ने मामले को CID को सौंप दिया था।
आरोप- लड़की मदद मांगने गई थी, येदि ने जबरदस्ती की
FIR के मुताबिक पीड़ित लड़की 2 फरवरी को उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न के एक मामले में येदियुरप्पा से मदद मांगने बेंगलुरु में उनके डॉलर्स कॉलोनी स्थित घर गई थी। तभी उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। जब पीड़ित कमरे से बाहर भागी तो उसने अपनी मां से कथित छेड़छाड़ के बारे में बताया। पीड़ित की मां की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई। हालांकि मामला सामने आने के बाद येदियुरप्पा के ऑफिस ने कुछ दस्तावेज जारी किए। इनमें बताया गया कि FIR करने वाली महिला अब तक अलग-अलग लोगों पर 53 केस कर चुकी है।
पीड़ित की मां बोली थी- येदि ने चुप रहने को कहा था
FIR के मुताबिक महिला ने आगे यह भी आरोप लगाया कि जब उसने येदियुरप्पा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह जांच कर रहे थे कि लड़की के साथ रेप हुआ है या नहीं। बाद में येदियुरप्पा ने कथित तौर पर माफी मांगी और महिला से मामले के बारे में किसी को नहीं बताने को कहा।
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