मेरी दुनिया है तुझमें कहीं,
तेरे बिन मैं क्या कुछ भी नहीं…
ये मनीष की सोशल मीडिया पर आखिरी पोस्ट थी… अपनी बेटी के लिए…
मनीष अपनी बेटी को राधा-रानी कहते थे। वे हमेशा शुभ कार्यों को बेटी को ही आगे रखते थे। बिटिया के आने से उनके घर की खुशियां दोगुनी हो गई थी। किराने की दुकान अच्छी चल रही थी। उन्होंने 10 दिन पहले नई कार ली थी। 5 साल की बेटी से पूजा करवाई थी। नई कार खरीदने की खुशी में दोनों भाइयों का परिवार 2 बच्चों, अपनी बुआ और एक दोस्त के साथ सीकर से रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश जी का दर्शन करने जा रहा था। मां को नहीं पता कि दोनों बेटे और बहुएं इस दुनियां में नहीं हैं।
दोनों भाई मां को भी साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन मां ने जाने से मना कर दिया। रविवार सुबह सवाईमाधोपुर के बौंली में उनकी कार केंट्रा (ट्रक) से टकरा गई। दोनों भाइयों समेत 6 लोगों की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार की पहचान करना मुश्किल हो गया था। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से शवों और घायलों को बाहर निकाला था। 5 साल पहले मनीष के पिता की भी सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
1 ही परिवार के 5 लोग और दोस्त ने तोड़ा दम
सवाई माधोपुर ASP दिनेश यादव ने बताया- हादसे में मुकुंदगढ़ (झुंझुनूं) हाल सीकर निवासी मनीष शर्मा (40) उनकी पत्नी अनीता शर्मा (36), सतीश शर्मा (31), पूनम (28), बुआ संतोष (50), मनीष के दोस्त कैलाश की मौके पर ही मौत हो गई। मनीष शर्मा के बच्चे मनन (9) और दीपाली (5) गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें बौंली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया गया। इसके बाद जयपुर रेफर कर दिया गया। दिनेश कैलाश इनका पड़ोसी था। बौंली थाना पुलिस ने केन्ट्रा को जब्त कर लिया है। रणथंभौर जाते समय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बौंली (सवाई माधोपुर) थाना क्षेत्र में बनास पुलिया के पास उनकी कार एक तेज रफ्तार ट्रक (केन्ट्रा) से भिड़ गई। केन्ट्रा के अचानक यू टर्न लेने से हादसा हुआ था।
मां को अब तक नहीं मालूम बेटों को खो चुकी है
मनीष के मामा दिनेश महर्षि (40) जयपुर के SMS अस्पताल में बच्चों को संभालने पहुंचे। उन्होंने बताया- अब परिवार में सिर्फ 2 बच्चे और दादी बची हैं। बच्चों को अब तक नहीं मालूम कि उनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। ना ही दादी को बताया गया है कि उनके दोनों बेटे और बहू कभी लौट कर नहीं आएंगे।
दिनेश ने बताया- मनीष और सतीश की सीकर में ही दासा के फाटक के पास किराना की दुकान चलाते थे। इससे पहले मनीष एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। छोटे भाई सतीश को दुकान खुलवाई थी। जब दुकान अच्छी चलने लगी तो मनीष ने जॉब छोड़ दी थी। इसके बाद मनीष और सतीश दोनों ही मिलकर शर्मा जनरल स्टोर संभाल रहे थे। मनीष ने 10 दिन पहले ही इको वैन खरीदी थी। मनीष अपनी नई गाड़ी से रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर धोक लगाने के लिए जा रहे थे।
मामा ने बताया- मनीष ने 5 साल पहले ही सीकर में मकान बनाया था, जिसमें मनीष की मां मंजू देवी (55) रहती हैं। यहां पास ही में 2 मकान छोड़ कर मामा (दिनेश) का परिवार रहता है। मनीष और सतीश अपने परिवार के साथ नवलगढ़ के मुकुंदगढ़ में पैतृक मकान में रहते थे।
रविवार रात दोनों भाई मां को लेने आए थे। लेकिन, मां ने कुछ दिन पहले मकान में चोरी होने के चलते साथ जाने से मना कर दिया। शनिवार देर रात 1:30 बजे परिवार सीकर से रणथंभौर के लिए रवाना हुआ। सुबह 8 बजे के करीब सवाईमाधोपुर थाना क्षेत्र के बनास पुलिया के पास उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया।
बेटी को कहते थे राधा-रानी
सोशल मीडिया पर मनीष की 25 अप्रैल को लास्ट पोस्ट थी। उन्होंने कार लेने के बाद पोस्ट डाली थी। जिसमें पत्नी अनीता भी नजर आ रहीं हैं। 8 मार्च को दीपाली का बर्थडे भी था। इसे भी पूरे परिवार ने धूमधाम से सेलिब्रेट किया था। मनीष अपनी बिटिया को राधा रानी कहते थे।
मामा दिनेश के अनुसार, मनीष शर्मा के पिता रामावतार शर्मा की भी वर्ष 2018 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। रामावतार शर्मा मुकुंदगढ़ से सीकर जा रहे थे, दादिया के पास सड़क हादसा हो गया था, जिसमें मनीष के पिता की मौत हो गई थी। मनीष के दादा मुरलीधर शर्मा का निधन 21 जनवरी 2023 को हुआ था। मनीष के एक बहन शोभा हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।
देर शाम हुआ अंतिम संस्कार
शाम 7 बजे शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें मुकुंदगढ़ में मनीष, अनीता, पूनम और सतीश का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहीं मनीष के दोस्त कैलाश का अंतिम संस्कार दासा की ढाणी सीकर में किया गया। बुआ संतोष देवी का शव रींगस खाटू श्याम जी ले जाया गया। पूरे मोहल्ले में मातम छाया रहा।
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