वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री से फेमस हुए कॉमेडियन श्याम रंगीला वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. हालांकि अभी तक उनका नामांकन नहीं हो पाया है. ऐसे में वह चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं, यह अभी तक तय नहीं हो पाया है, इस बीच कॉमेडियन ने एक वीडियो जारी कर नॉमिनेशन के नियमों पर सवाल खड़े किए.
11 मई को श्याम रंगीला ने एक वीडियो जारी करते हुए वाराणसी जिला प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि नियम इतने जटिल हैं कि नामांकन पत्र पाना और उसे भर पाना मुश्किल हो रहा है, इसलिए नामांकन में समय लग रहा है. पूरा प्रयास है कि 13 मई को मेरा नामांकन दाखिल हो जाए.
श्याम रंगीला ने पिछले दिनों वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. माना जा रहा है कि श्याम रंगीला वाराणसी में हैं. ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि मैं नॉमिनेशन कब फाइल करूंगा यह अभी बता पाना मुश्किल है, लेकिन मैं वाराणसी से चुनाव लड़ूंगा और नामांकन दाखिल करूंगा. मेरा पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द ही नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाए. इसके बाद 14 मई के बाद मैं मीडिया से मुखातिब हो पाऊंगा.
श्याम रंगीला वीडियो में कहते दिखाई दे रहे हैं कि 10 मई को उनका एक साथी नामांकन पत्र लेने के लिए लाइन में खड़ा हुआ था, लेकिन जब उसका नंबर आया तो उसे एसबीआई की 25000 रुपये की धनराशि जमा करने की पर्ची दिए जाने की जगह 10 प्रस्तावकों की पूरी जानकारी आधार कार्ड, उनके सिग्नेचर सहित प्रत्याशी की जानकारी और उसके भी सिग्नेचर की डिमांड की गई. जबकि यह नियम नहीं है, बाद में प्रस्तावकों की जानकारी देने का नियम है. प्रशासन ऐसा नियम अपनी तरफ से लगा रहा है.
श्याम रंगीला का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया के जरिए चुनाव आयोग तक भी इस बात को पहुंचाया है. बहुत से लोग वाराणसी में चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. उनके साथ भी ऐसा हो रहा है. मैं सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसा नहीं कर रहा हूं. मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं, लेकिन मुझे नामांकन पत्र नहीं मिल रहा है.
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