पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) में बढ़ती महंगाई और बिजली की कीमतों के विरोध में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हुए। इस दौरान पुलिस और PoK के राजनीतिक-धार्मिक संगठन अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के बीच शनिवार को झड़प हुई। इसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि 100 घायल हुए हैं।
जियो न्यूज के मुताबिक, प्रदर्शनों के बीच AAC ने पूरे PoK में बंद की अपील की। इसके बाद स्कूल, ऑफिस, रेस्त्रां, बाजार और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर ताला लटका नजर आया। PoK के मदीना मार्केट में भारी पुलिस बल तैनात रहा। यहां AAC के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाली। पुलिस ने मुजफ्फराबाद जाने के रास्ते में बैरिकेड लगा दिए।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की
इसके बाद इस्लामगढ़ के पास प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने आरोप लगाया कि विरोधियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें मीरपुर के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) अदनान कुरैशी को सीने में गोली लग गई। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया, बदले में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की।
PoK में बिगड़ते हालातों के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति ने पाक अधिकृत कश्मीर में बने हालातों को सुधारने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।
PoK में धारा 144 लगी, मोबाइल सेवाएं सस्पेंड
हिंसा के दौरान कई सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया। तनाव को देखते हुए PoK में धारा 144 लगा दी गई है। PoK की सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर इकट्ठा होने, रैली और जुलूस निकालने पर बैन लगाया है।
वहां के कई इलाकों जैसे भिंबेर, बाघ टाउन, मीरपुर में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई हैं। AAC के प्रवक्ता हाफिज हमदानी ने डॉन न्यूज को बताया कि राज्य में हो रही हिंसा से उनका कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे तत्वों को जानबूझकर प्रदर्शनों के बीच में भेजा जा रहा है, जिससे AAC को बदनाम किया जा सके।
PoK के PM बोले- सरकार हिंसा रोकने के लिए बातचीत को तैयार
PoK के प्रधानमंत्री चौधरी अनवार उल-हक ने कहा, "सरकार ने हिंसा पर काबू करने के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। हम शांतिपूर्ण तरह से बातचीत के लिए तैयार हैं, इसके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। हालांकि, इसे सरकार की कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।"
वहीं वित्त मंत्री अब्दुल मजीद खान ने कहा, "सरकार पहले ही AAC की सभी मांगों को स्वीकार कर चुकी है। हमने एक समझौता भी साइन किया था, जिसमें आटे पर सब्सिडी और बिजली की कीमतों को 2022 के लेवल पर लाने की सहमति बनी थी। लेकिन AAC एग्रीमेंट से मुकर गई।"
वहीं इमरान खान की पार्टी PTI के लीडर उमर अयूब खान ने शहबाज सरकार को हालात काबू में रखने में असमर्थ बताया। PTI ने कहा, "शांतिपूर्ण तरह से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसी नीति पाकिस्तान और लोकतंत्र के लिए खतरा है।"
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