लोकसभा चुनाव में राजस्थान से बीजेपी की सीटें कम आने पर सीएम बदलने के कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है। राठौड़ ने लोकसभा बाद सीएम बदलने के कांग्रेस नेताओं के बयानों पर कहा कि ये सब मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं, मुंगेरीलालजी को हसीन सपने देखने से किसने रोका? राठौड़ बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
राठौड़ ने कहा- गहलोत और कांग्रेस नेताओं को शायद किस्सा कुर्सी का याद आ जाता है, पूरे पांच साल तक गहलोत सरकार में किस्सा कुर्सी का चलता रहा। तू नीचे मैं उपर, यह खेल भाजपा में नहीं है। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है। कार्यकर्ता के रूप में हरेक अपने अपने पद पर बैठा है। आलाकमान किससे क्या काम ले, यह आलाकमान पर निर्भर करता है। हम सब लोग एकजुटता के साथ मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं।
लोकसभा में बीजेपी की कम सीटें आने के बयानों पर राठौड़ ने कहा- मुंगेरीलाल को किसने रोका था कि वो हसीन सपने नहीं देखें। ये उनके हसीन सपने हैं, मुझे 2014 से 2019 का कालखंड याद आता है, जब कांग्रसे के लोग बयानवीर बने थे, दोनोंचुनावों में कांग्रेस की क्या हालत हुई थी, इस पर बार भी बीजेपी का मिशन 25 पूरा होगा और तीसरी बार प्रचंड बहुमत से मोदी सरकार बनेगी। 25 पूरा होगा, मोदी की तीसरी सरकार बनेगी।
कर्जदार किसानों की जमीनें नीलाम नहीं होगी, आचार संहिता हटने के बाद मुआवजे का नोटिफिकेशन
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- पूर्व सीएम अशोक गहलोत किसानों की जमीन नीलामी को लेकर आधारहीन बातें कर रहे हैं। हमारी सरकार ने कांग्रेस राज में नीलाम हुई किसानों की जमीनों का उचित मुआवजा देने के लिए मुआवजा नीति बनाएगी, आचार संहिता हटने के बाद उसे पूरा किया जाएगा। कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों की जमीनें नीलाम नहीं होगी, इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस राज में 18 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन नीलामी के नोटिस जारी हुए थे
राठौड़ ने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार ने जन घोषणा पत्र 2018 में 10 दिनों में किसानों का कृषि कर्ज माफ करने की घोषणा की थी।नवंबर 2018 में तत्कालीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने सत्ता में आते ही कहा था कि 1 से 10 तक गिनती बोलूंगा तो किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार को उस समय 66 लाख किसानों का कर्जमाफ करने के लिए 99 हजार 996 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। गहलोत सरकार ने 20 लाख किसानों का सिर्फ 14 हजार करोड़ रु. का कर्जा माफ किया था जिसमें भी पूर्ववर्ती सरकार के 6 हजार करोड़ रुपये शामिल थे।
राठौड़ ने कहा- कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सतीश पूनियां के सवाल के जवाब में सदन में सरकार ने माना था कि जनवरी 2019 से जनवरी 2022 तक कर्ज के कारण किसानों की जमीन कुर्क और नीलाम होने के 22,215 प्रकरण सामने आए और 18,817 किसानों को नोटिस देकर उनकी भूमि नीलाम की गई। कांग्रेस के शासन में समय-समय पर फसली कर्ज नहीं चुकाने पर 1 लाख 35 हजार किसानों के खाते एनपीए हुए। संबंधित बैंकों ने रोडा एक्ट 1974 की धारा 13 व 14 के तहत नीलामी के नोटिस जारी किए थे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.