बीकानेर में युवती के ब्लाइंड मर्डर को खोलने के लिए महकमे को सबसे तेज पुलिसकर्मी की जरूरत थी। ऐसे में एडिशनल SP दीपक कुमार ने नाम सुझाया हेतराम का…
हेतराम कहते हैं- मैं एक बार जिस केस के पीछे लग जाता हूं उसे छोड़ता नहीं हूं। मैंने पहले भी बीकानेर में हुए ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने में भूमिका निभाई है। ऐसे में जब एडिशनल SP साहब ने मुझे बुलाया तो मैंने अपनी तहकीकात शुरू की।
आरोपियों ने बीकानेर में युवती का शव फेंकने के बाद शातिर तरीके से इस हत्या में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन, 2 सुराग ऐसे थे जिनके जरिए पुलिस ने 7 दिन में इस हत्या के राज का पर्दाफाश कर दिया।
पहला सुराग वो जो हेड कॉन्स्टेबल हेतराम को मिला- सफेद रंग की संदिग्ध स्विफ्ट कार, जो सिर्फ 8 मिनट पुलिया के नीचे रुकी
15 जून को दूसरा मौके की जांच में- युवती के ब्रांडेड कपड़े जिसका शोरूम सिर्फ जयपुर और जोधपुर में है
पहली बार आया ऐसा मामला
बीकानेर SP तेजस्वनी गौतम बताती हैं- मेरे बीकानेर SP लगने के टेन्योर में ऐसा शातिर और वीभत्स मामला मैंने पहली बार देखा था। 15 जून को जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने इलाके का सुबह 6 बजे युवती की सिर कटी लाश मिली थी। कोहनी तक युवती के हाथ कटे हुए थे। आस पास तलाशने पर भी कोई सुराग नहीं दिखा था।
इसके बाद आस पास तलाश भी की लेकिन 72 घंटे बाद भी पहचान नहीं हो पाई तो बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इसके साथ ही एडिशनल एसपी दीपक कुमार और ट्रेनी आईपीएस रमेश की अगुवाई में SIT का गठन भी कर दिया गया ताकि हीनियस क्राइम (जघन्य अपराध) का खुलासा किया जा सके।
पुलिस की टीम ने 7 दिन में इसका खुलासा करते हुए हत्या के आरोप में विकास मान (37) निवासी जोधपुर और उसकी प्रेमिका संगीता (35) निवासी हनुमानगढ़ को गिरफ्तार किया। दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते थे। संगीता ने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी सहेली मुस्कान (34) निवासी पाली की हत्या की थी। मुस्कान मूल रूप से नागपुर की रहने वाली थी।
एडिशनल एसपी दीपक कुमार ने हेतराम को SIT से जुड़ने के लिए कहा- हेतराम कहते हैं- मैं आज तक जिस केस में लगा हूं उसे सॉल्व किया है कभी छोड़ा नहीं है। मेरी सबसे बड़ी ताकत है ग्राउंड वर्क… जैसे ही एडिशनल SP साहब ने मुझे काम सौंपा मैं जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना इलाके में अपनी बाइक लेकर निकल गया। मैं लोगों के घर गया। पूछताछ की, तो पहली बात सामने आई कि सबसे पहले शव को देखने वाले युवक ने कहा- उसने सबसे पहले 6 बजे देखा था। लेकिन, इग्नोर कर दिया। उसे लगा कि शव किसी मवेशी का है। भयंकर बदबू के कारण वह पास में नहीं गया और निकल गया।
हेतराम कहते हैं- इसके बाद एक बात साफ हो गई कि मामला 15 जून का 6 बजे से पहले का है। इसके बाद मैंने एक और युवक से पूछा तो उसने बताया- देर सुबह करीब 4 बजे के करीब उसने एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार को वहां खड़े देखा था इसके नंबर बीकानेर के नहीं थे। हेतराम ने कहा- युवक नंबर याद नहीं रख पाया था लेकिन यह क्लू महत्वपूर्ण था।
हेतराम ने बताया- इनपुट था कि देर रात एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार यहां 8 मिनट रुकी थी। सुबह 4 बजकर 3 मिनट पर आरोपी विकास और संगीता घड़सीसर में अंडरपास के नीचे पहुंचे। 4 बजकर 11 मिनट और कुछ सेकेंड बाद वहां से रवाना हो गए।
अब गाड़ी आई कहां से इसके बारे में मालूम करना था। गाड़ी या तो नोखा की तरफ से आई है या घड़सीसर से.. मैंने दोनों जगह पहले कैमरे चेक किए। विजयवर्गीय की ढाणी और मुस्कान होटल के कैमरे चेक किए तो मालूम चला कि गाड़ी नोखा की तरफ से आई है।
हेतराम ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने टीम के साथ टोल पर पहुंचे और 4-5 बजे की टाइमिंग के हिसाब से सफेद रंग की स्विफ्ट को चेक किया। उदरामसर टोल पर इस गाड़ी की पूरी जानकारी सामने आ गई।
इस स्विफ्ट के आने-जाने के सभी टोल नाकों से इसके फास्टैग से रुपए कटे थे। फिर पंद्रह जून तड़के ही ये वापस जोधपुर चली गई। तब फिर इसके फास्ट टेग से रुपए कटे थे। ऐसे में इस कार के रात में बीकानेर आने और वापस जाने का कारण संदेहास्पद था। कार के नंबर टोल नाकों से लेने के बाद उसका रिकॉर्ड आरटीओ से लिया गया। कार की डिटेल में विकास मान (37) निवासी शिकारगढ़ (जोधपुर) होना पाया गया।
SP तेजस्वनी गौतम ने बताया- जैसे ही RTO से विकास मान नाम के शख्स की डिटेल आई। ट्रेनी आईपीएस रमेश के नेतृत्व में एक टीम जोधपुर रवाना की गई। जिस घर का पता पुलिस को मिला, वो बंद था। आसपास पता करने पर जानकारी मिली कि घर बदल लिया है। अब पुलिस ने उसके नए घर की तलाश शुरू की। जोधपुर में ही उसका दूसरा घर भी पुलिस को मिल गया। सबसे पहले विकास मान पकड़ा गया। फिर संगीता को हिरासत में लिया। पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई और विकास-संगीता ने सब कुछ उगल दिया।
युवती के ब्रांडेड कपड़ों से भी मिला था क्लू
पुलिस के अनुसार, युवती का शव अर्धनग्न अवस्था में था। FSL टीम और डॉग स्क्वॉड की जांच में युवती के कपड़े यही आस पास फ्लाईओवर के नीचे बरामद हुए थे। युवती के शव पर जो कपड़े थे वह एक महंगे ब्रांड के थे। ऐसे में जब मालूम किया गया तो पता चला कि इस ब्रांड का शोरूम पूरे राजस्थान में सिर्फ 2 ही जगह है। एक तो जोधपुर और दूसरा जयपुर…
ऐसे में पुलिस के पास युवती की पहचान का एक सुराग हाथ लगा था। या तो युवती जयपुर की है या जोधपुर की… पुलिस के अनुसार, इसके बाद जांच जोधपुर और जयपुर की ओर घूम गई। लेकिन, तभी हेतराम से मिले इनपुट के आधार पर युवती की पहचान का खुलासा हुआ और इस पूरे मर्डर का राज खुला।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया- आरोपियों ने मुस्कान से कहा था कि हमें एक नए घर की तलाश है। इसके लिए साथ चलना होगा। रास्ते में दोनों ने मिलकर मुस्कान का गला दबा दिया और उसे एक बोरे में डाल दिया। इसके बाद यहां पहुंचे और सुनसान इलाका देख कचरे के ढेर पर ही मुस्कान के हाथ और सिर काट डाले। जिन्हें सुनीता और विकास ने एक बक्से में रख दिया। वहां से ये 8 मिनट में जोधपुर की तरफ फरार हो गए।
दोनों का मकसद था कि किसी तीसरे शहर में ले जा कर डालेंगे तो पुलिस को शक नहीं होगा। जांच भ्रमित होती रहेगी कि शहर में से ही कोई मारकर युवती को डाल गया है। पुलिस गिरफ्तारी के बाद दोनों प्रेमी-प्रेमिका को लेकर बीकानेर आए। मौके पर ले गए और वहां निशानदेही करवाई। करीब ढाई सौ किलोमीटर लंबा सफर होने के कारण पुलिस ने पूरा सीन रिक्रियेट किया। दोनों को एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में ही वापस जोधपुर ले गए। कहां-कहां रुके? कैसे गए? फिर जोधपुर के शास्त्री नगर थाना इलाके की पांच बत्ती नाले में शव कैसे डाला? इसका सीन रिक्रिएट किया तो कार के बीकानेर आने व जाने के समय की पुष्टि हो गई।
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