कोटा. शहर से गुजर रहे बजरी के ट्रकों से अवैध वसूली के खेल का खुलासा पुलिस ने किया है. इस मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है. यह आरोपी ट्रक मालिकों को पुलिस के नाम का भय दिखाकर अवैध वसूली कर रहा था. इस पूरे मामले पर सब इंस्पेक्टर नवल किशोर का कहना है कि नांता थाना पुलिस ने रूपनारायण नागर की रिपोर्ट पर कुश मित्तल को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में आरोपी कुश मित्तल से जांच पड़ताल की जा रही है.
परिवादी सींता गांव निवासी रूप नारायण नागर उर्फ बबलू ने बताया कि वह बजरी का व्यवसाय करता है. कुन्हाड़ी निवासी कुश मित्तल ने कुछ दिन पहले उससे मुलाकात की. उसने धमकाया और कहा कि कोटा में बजरी की गाड़ी को कोई नही रोकेगा, अगर वह प्रति चक्कर 1000 रुपए दे देंगे. उसने कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो बजरी के ट्रेलर को पुलिस से जब्त करवा देगा और जमानत भी नहीं होगी. इसके बाद परिवादी ने उसे प्रति चक्कर के हिसाब से 20 हजार रुपए दे दिए. शनिवार को नांता पुलिस ने परिवादी के एक ट्रक को रोका और उसको जब्त कर दिया. इसपर परिवादी ने पुलिस को पूरे मामले से अवगत करवाया.
एसपी बोली- मुझे नहीं बताया कार्रवाई होगी : एसपी डॉ. अमृता दुहन का कहना है कि एसएचओ ने केस दर्ज किया है. उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई है, इसलिए अभी तक उनके संज्ञान में मामला नहीं आया था. अगर प्रति चक्कर के एक हजार रुपए वसूले जा रहे थे, तो यह गंभीर मामला है. इसे छुपाना उससे भी ज्यादा बड़ा अपराध है. इसकी विस्तृत जांच करवाएंगे और जिस भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, पुलिस ने प्रेस नोट एसपी डॉ. दुहन के नाम से ही जारी किया है.
डिप्टी और सीआई के नाम पर हो रही थी वसूली : परिवादी रूप नारायण नागर का कहना है कि उससे बजरी के ट्रक को पास करने की एंट्री ली जाती थी, जो डिप्टी व सीआई के नाम से ली जाती थी. अगर कोई भी बजरी वाला उसको पैसे नहीं देता है, तो वह उसके ट्रकों पकड़वा देता है. परिवादी के अनुसार उन्होंने कभी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी को पैसे नहीं दिए है, सिर्फ आरोपी को ही दिए हैं. परिवादी के अनुसार पैसे देने के बाद ट्रक निकालने में कोई परेशानी नहीं होती है.
पुलिस की मिलीभगत का संदेह : कुश मित्तल पर आरोप लगा है कि पिछले कुछ माह से बजरी के ट्रकों को पास करने की एवज में ट्रक मालिकों से पैसे वसूल करता है. इसको पैसे देने के बाद में बड़गांव चौकी से पुलिस की जीप को हटा दिया जाता है. कई बार तो इसको बिना एंट्री दिए हुए जा रहे ट्रक को पुलिस को बुलाकर पकड़वा दिया जाता था. ऐसे में प्रत्येक ट्रक मालिक इसको पैसे देकर ट्रक को पुलिस से बचा लेता था. ऐसे में पुलिस की मिली भगत का संदेह आ रहा है. दूसरी तरफ से पहले भी बड़गांव चौकी पर कार्रवाई तत्कालीन एसपी केसर सिंह शेखावत ने की थी और पूरे चौकी के स्टाफ को ही लाइन हाजिर कर दिया था. तब भी बजरी के बैन होने से बावजूद अवैध रूप से गाड़ियों के अंधाधुंध निकालने का मामला सामने आया था. इसकी जांच में एक हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल को निलंबित किया था.
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