Download App Now Register Now

पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग को जमानत मिली: बॉम्बे HC बोला- अपराध चाहे कितना गंभीर हो, आरोपी की उम्र नजरअंदाज नहीं कर सकते

पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज (25 जून) आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग को तुरंत बाल सुधार गृह से रिहा किया जाए। कोर्ट ने कहा कि हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो।

नाबालिग आरोपी ने 18-19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श स्पोर्ट्स कार चला रहा था। उसे 22 मई को बाल सुधार गृह भेजा गया था।

कोर्ट ने यह आदेश आरोपी लड़के की आंटी की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया। पिछले हफ्ते दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया था कि लड़के को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है और उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा- आरोपी की उम्र 18 साल से कम, उसे ध्यान में रखना जरूरी
जस्टिस भारती डांगरे और मंजुशा देशपांडे ने आरोपी को ऑब्जर्वेशन होम भेजने केजुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया। जजों ने कहा कि हम नाबालिग की आंटी की तरफ से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए उसे रिहा करने का आदेश देते हैं। CCL यानी चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ (इस केस में आरोपी नाबालिग) को याचिकाकर्ता (आरोपी की आंटी) की कस्टडी में रखा जाएगा।

बेंच ने यह भी नोट किया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का आदेश अवैध था और बिना जुरिस्डिक्शन के जारी किया गया था। एक्सीडेंट को लेकर रिएक्शन और लोगों के गुस्से के बीच आरोपी नाबालिग की उम्र पर ध्यान नहीं दिया गया। CCL 18 साल से कम उम्र का है, उसकी उम्र को ध्यान में रखना जरूरी है।

कोर्ट बोला- नाबालिग आरोपी के साथ बड़े आरोपियों जैसा बर्ताव नहीं कर सकता

कोर्ट ने कहा कि हम कानून और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के उद्देश्य से बंधे हुए हैं और हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो। आरोपी रिहैबिलिटेशन में है, जो कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट मुख्य उद्देश्य है। वह साइकोलॉजिस्ट की सलाह भी ले रहा है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

याचिका में यह भी कहा गया था कि लोगों के गुस्से और राजनीतिक एजेंडे के चलते पुलिस जांच के सही रास्ते से भटक गई। इस वजह से जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। याचिका पर हाईकोर्ट में 21 जून को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने आदेश रिजर्व रख लिया था और फैसला सुनाने के लिए आज की तारीख दी थी।

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण | विनेश फोगाट का अधूरा सपना पूरा करेगी काजल, अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में जीता गोल्ड | चिकित्सा मंत्री की पहल पर काम पर लौटे रेजीडेंट, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत, समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश | लोहागढ़ विकास परिषद के बाल-गोपाल, माखन चोर, कृष्ण लीला, महारास कार्यक्रम में देवनानी होंगे मुख्य अतिथि |