‘NCERT अब पेशेवर संस्था नहीं रही। ये 2014 से RSS से एफिलिएट संस्था के तौर पर काम कर रही है। हाल में खुलासा हुआ है कि इसकी 11वीं की राजनीति विज्ञान की संशोधित किताब धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना करती है। NCERT का काम किताबें तैयार करना है, न कि पॉलिटिकल पैंफलेट और प्रोपेगैंडा।’
कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने ट्वीट करके NCERT पर RSS के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। तारीख थी 17 जून, 2024।
इससे कुछ दिन पहले ही NCERT ने 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब में बदलाव किए थे। इसके तहत अयोध्या विवाद, बाबरी के विवादित ढांचे को ढहाने, कारसेवा और गोधरा दंगों से जुड़ी जानकारियां बदली गई थीं।
जयराम रमेश के ट्वीट से बहस शुरू हो गई कि क्या सच में NCERT की किताबों में बदलाव के पीछे RSS है। दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की। इस दौरान पता चला कि RSS से जुड़ा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास किताबों में बदलाव के लिए 2004 से अभियान चला रहा है।
हमने पूरा मामला समझने के लिए न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली NCERT की जनरल काउंसिल की मेंबर अनिता शर्मा से बात की।
पहले जान लीजिए किताब में किन बदलावों पर विवाद हो रहा है
1. बाबरी मस्जिद की जगह तीन गुंबद वाला ढांचा
पुरानी किताब: फरवरी, 1986 में फैजाबाद जिला अदालत का आदेश था। अदालत ने बाबरी मस्जिद परिसर का ताला खोलने का आदेश दिया, ताकि हिंदू उस स्थल पर प्रार्थना कर सकें, जिसे मंदिर माना जाता है।
नई किताब: 1986 में तीन गुंबद वाले ढांचे को लेकर स्थिति ने एक महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया, जब फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला कोर्ट ने ढांचे को खोलने का फैसला सुनाया, जिससे लोगों को वहां पूजा करने की अनुमति मिल सके।
2. 11वीं की किताब में गोधरा दंगे का जिक्र
पुरानी किताब: 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर मुसलमान थे।
नई किताब: 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
ज्यादातर मुसलमान मारे जाने का हिस्सा अब हट गया है। किताब में आगे स्पष्ट किया गया है कि दंगों के दौरान सिर्फ एक समुदाय के नहीं, बल्कि सभी समुदायों के लोग पीड़ित होते हैं।
3. आजाद पाकिस्तान की जगह पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर
पुरानी किताब: पाकिस्तान विवादित क्षेत्र को 'आजाद पाकिस्तान' कहता है, जबकि भारत इसे अवैध कब्जे वाला क्षेत्र मानता है।
नई किताब: यह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला भारतीय क्षेत्र है और इसे पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर (POJK) कहा जाता है।
4. मणिपुर के इतिहास में बदलाव
पुरानी किताब: भारत सरकार ने मणिपुर की निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किए बिना सितंबर 1949 में महाराजा पर विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने में सफलता प्राप्त की।
नई किताब: भारत सरकार ने सितंबर 1949 में महाराजा पर विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने में सफलता प्राप्त की।
'भारत सरकार ने मणिपुर की निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किए बिना' ये हिस्सा हट गया है।
5. अयोध्या विवाद का चैप्टर छोटा हुआ
पुरानी किताब: अयोध्या विवाद पर पहले 4 पेज का चैप्टर था। इसमें शुरुआत से कोर्ट में सुनवाई तक का जिक्र था।
नई किताब: अब दो पेज का चैप्टर है। अयोध्या विवाद की लीगल प्रोसिडिंग को चैप्टर में सब टाइटल के साथ जोड़ा गया है। किताब में हिंदू सिंबल भी विजिबल अंदाज में लगाए गए हैं।
कांग्रेस का आरोप- पूरे एजुकेशन सिस्टम पर RSS का कब्जा
NCERT पर ट्वीट कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने किया था। हमने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा से बात करने के लिए कहा। पढ़िए पवन खेड़ा से सवाल और उनके जवाब-
सवाल: आपके पास क्या प्रूफ हैं, जिससे कहा जा सके कि RSS किताबों में बदलाव करवा रहा है?
जवाब: ये ज्ञात तथ्य है कि 2014 के बाद से शिक्षा मंत्रालय नागपुर मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है। पाठ्यक्रम, नई शिक्षा नीति और विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां सब RSS की तरफ से तय की जा रही हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स के एक साधारण बैकग्राउंड चेक से पता चल जाएगा कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से RSS से जुड़े हुए हैं।
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