प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे।
कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।
प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।
पेपर लिक पर
पेपर लीक एक बड़ी समस्या है। मेरी इच्छा थी, सारे दल इस पर अपनी राय रखते। लेकिन यह मुद्दा भी इन्होंने राजनीति की भेंट चढ़ा दी। मैं देश के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि आपको धोखा देने वालों को यह सरकार छोड़ने वाली नहीं है। इन्हें सख्त सजा मिले, इसलिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। हमने इसके लिए सख्त कानून बनाया है।
मणिपुर हिंसा पर
मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाएं कम हो रही हैं। स्कूल कॉलेज दफ्तर और अन्य संस्थान चल रहे हैं। मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं। जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, एक समय आएगा जब मणिपुर उन्हें रिजेक्ट कर देगा।
जो लोग मणिपुर के इतिहास जानते हैं, उन्हें पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। मैं इस सदन में देश को बताना चाहता हूं कि 1993 में मणिपुर में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जो 5 साल चली थीं। यह इतिहास समझकर हमें स्थितियों को ठीक करना है।
ये दशक और ये सदी भारत की सदी है
ये दशक और ये सदी भारत की सदी है। लेकिन भूतकाल हमें कहता है हम अपने ही कारणों से अपने अवसर खो देते हैं। अब हमें अवसरों को खोना नहीं, तलाशना है। जो देश हमारे साथ आजाद हुए वे बहुत तेजी से आगे निकल गए। हम नहीं बढ़ पाए। हमें इस स्थिति से निकलना है। विकसित भारत का मिशन किसी व्यक्ति का मिशन नहीं, पूरे देशवासियों का मिशन है। पूरा विश्व भारत में निवेश के लिए तैयार है। भारत उनकी पहली पसंद हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पंचायत से संसद तक बीड़ा उठाना पड़ेगा
भ्रष्टाचार के खिलाफ जो हमारी लड़ाई है उसे कई स्तर पर ले जाना पड़ेगा। पंचायत से लेकर संसद तक हम जब बीड़ा उठाएंगे तो भ्रष्टाचार खत्म कर पाएंगे। 21वीं सदी में भारत को अगर भारत की सदी के रुप में स्थापित करना है तो हमें ट्रांसपेरेंसी से काम करना होगा।
रोजगार के लिए राज्यों में स्पर्धा होनी चाहिए
आज हम एक ऐसी स्थित मे है, जहां हम अगली क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। राज्यों को अपनी योजनाओं को लेकर आगे आना चाहिए। राज्यों के बीच विकास को लेकर स्पर्धा होनी चाहिए। विश्व जब भारत में दस्तक दे रहा है तो इसका लाभ हर राज्य को मिलना चाहिए।
रोजगार के लिए राज्यों में स्पर्धा होनी चाहिए। असम में सेमिकंडक्टर पर तेज गति से काम चल रहा है। इससे वहां के नौजवानों और देश को फायदा होने वाला है। दुनिया के लिए न्यूट्रिशन मार्केट का सॉल्यूशन भी हमारे मोटे अनाज में है। इसे वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए राज्य आगे आएं।
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