यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हुई है। 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है।
हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ। बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी भी हाथरस पहुंचे। जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। घटनास्थल गए। अफसरों से पूरे हादसे की जानकारी ली।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- यह हादसा साजिश जैसा है। लोग मरते गए। सेवादार वहां से भाग गए। उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की। प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया। हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए, लेकिन ऐसी चीजें नहीं हुईं।
सीएम ने कहा- जांच के लिए SIT का गठन किया है। हाईकोर्ट के रिटायर जज, पुलिस के सीनियर रिटायर ऑफिसर की टीम भी मामले की जांच करेगी, जो भी दोषी होगा, उसको सजा देंगे।
हाथरस हादसे में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया है कि हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इससे भगदड़ मच गई।
इधर, प्रयागराज के वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दायर करके हादसे की CBI जांच की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी ने एक पीआईएल दाखिल की। इसमें रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 5 विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर जांच की मांग की गई है।
मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने FIR दर्ज कराई। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है। बाकी सब अज्ञात हैं। चौंकाने वाली बात है कि इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम ही नहीं है। हादसे के बाद से बाबा अंडरग्राउंड हो गया। पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही। मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। मैनपुरी में आश्रम के बाहर पुलिस तैनात है।
ऐसे हुआ हादसा- सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया। बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे।
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