मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया है। 68 दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत ने सोमवार को राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। रावत को सुबह करीब 9.05 बजे बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लेनी थी, लेकिन राज्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इसके बाद उनको करीब 9.20 बजे कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी पड़ी। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत कई मंत्री शामिल हुए।
मोहन मंत्रिमंडल में अब मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 3 पद अभी खाली है। मंत्री बनने के बाद रावत विधायक पद से विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप सकते हैं। इसके बाद उनकी विधानसभा सीट विजयपुर पर दोबारा चुनाव होगा।
मोहन कैबिनेट में अब 11 राज्यमंत्री
3 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। 8 दिन बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद पर डॉ. मोहन यादव और दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का चयन किया गया। इसके 2 दिन बाद 13 दिसंबर को सीएम और दोनों डिप्टी सीएम ने शपथ ली थी।
12 दिन बाद 25 दिसंबर को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। 18 विधायकों को कैबिनेट और 10 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। मंत्रिमंडल विस्तार के 5 दिन बाद 30 दिसंबर को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया था।
अब रामनिवास रावत को मिलाकर मंत्रिमंडल में राज्यमंत्रियों की संख्या 11 हो गई है।
विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक हैं रावत
श्योपुर की विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल 2024 को कांग्रेस छोड़ी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और बीजेपी जॉइनिंग टोली के मुखिया नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में श्योपुर के एक चुनावी कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता ली थी।
रावत ने कहा था, 'हर किसी की इच्छा रहती है कि वह क्षेत्र की जनता के लिए कुछ करे लेकिन जितना विकास मैं चाहता था, नहीं करा पाया। अब बीजेपी में शामिल होकर क्षेत्र को प्रदेश की मुख्यधारा तक ले जाना चाहता हूं।'
कांग्रेस लगा चुकी है सदस्यता खत्म करने की याचिका
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास विजयपुर विधायक रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने के लिए पिटीशन लगाई है। शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के दल ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी।
इस पिटीशन के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते अब रावत और सप्रे की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में या तो ये दोनों ही विधायक कांग्रेस विधायक पद से जल्द इस्तीफा देंगे या फिर विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लेंगे।
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