जयपुर में घर-जमीन खरीदना अब महंगा होने वाला है। शहर में जमीनों की डीएलसी रेट 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी हो रही है। भजनलाल सरकार के पहले बजट में इसकी घोषणा की जाने की संभावना है। इससे जयपुर में जमीन, फ्लैट, दुकानें आदि खरीदना महंगा हो सकता है। डीएलसी दरें बढ़ने से अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री करवाने पर ज्यादा शुल्क देना होगा।
सरकार ने 1 अप्रैल को ही डीएलसी दरों में 10 फीसदी तक का इजाफा किया था, लेकिन शहर, नगर निगम की सीमा और ग्रामीण इलाकों में अब भी जमीनों की डीएलसी दरें बाजार भाव से काफी कम है। इसे देखते हुए जिला स्तरीय कमेटी ने सभी उप पंजीयकों को अपने-अपने यहां से प्रस्ताव तैयार करके भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
15 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं डीएलसी दरें
सूत्रों के अनुसार इस बार उप पंजीयक एरिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दरें प्रस्तावित की जा सकती है। शहर में पॉश इलाकों में ये दरें 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, जबकि बाहरी इलाकों में 15 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती हैं।
50 लाख के मकान की रजिस्ट्री पर 66 हजार रुपए ज्यादा देने होंगे
अगर डीएलसी दरों में 15 प्रतिशत तक का इजाफा होता है तो 50 लाख रुपए कीमत के एक मकान की रजिस्ट्री करवाने पर पुरुषों को 66 हजार रुपए ज्यादा देने होंगे। जबकि महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर 56 हजार 250 रुपए ज्यादा देने होंगे।
कृषि भूमि और आवासीय भूखंड में मुआवजा बाजार भाव के अनुसार नहीं मिलता
पिछले 5 साल से डीएलसी दरें नहीं बढ़ाई थी। इसके बाद इस साल 1 अप्रैल को ही दरें बढ़ाई गई थी। अब दूसरी बार दरें बढ़ाने की तैयारी हो रही है। इसके बाद भी लोगों को कृषि भूमि और आवासीय भूखंड में मुआवजा आज के बाजार भाव के अनुसार नहीं मिलता है। इसके चलते डीएलसी दरों का रिव्यू करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।
दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अखिलेश जोशी ने बताया- अप्रैल में ही दरें बढ़ाई गई थीं। अब 15 प्रतिशत तक दरें बढ़ाने से जनता पर बोझ बढ़ेगा। जयपुर में घर खरीदना महंगा हो जाएगा। सरकार को सरचार्ज कम करना चाहिए।
ये हैं डीएलसी दरें
वर्तमान में पुरुषों के नाम पर संपत्ति खरीदने पर 8.8 प्रतिशत की दर से रजिस्ट्री शुल्क लगता है। इसमें 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। कुल स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत का अलग से सरचार्ज और अन्य चार्ज लगता है। इस तरह कुल मिलाकर रजिस्ट्री पर 8.8 प्रतिशत की दर लगती है।
इसी तरह महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर करीब 7.5 प्रतिशत की दर लगती है। इसमें 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। वहीं, स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत सरचार्ज शामिल होता है।
क्या होती हैं डीएलसी दरें
सरकार जमीन की एक बाजार कीमत निर्धारित करती है। इसे जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय समिति निर्धारित करती है। इसे डीएलसी दर कहते हैं। इसी दर पर अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। सरकार जमीनों का आवंटन भी करती है। हालांकि शहरी इलाकों में नगरीय निकाय (नगर पालिकाएं, हाउसिंग बोर्ड, यूआईटी, विकास प्राधिकरण) अपने एरिया में आरक्षित दर पर जमीनों का आवंटन करते हैं। आरक्षित दरों में विकास शुल्क भी शामिल होता है।
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