राजस्थान में 2950 मेगावाट के चार सोलर पार्कों की स्थापना की जाएगी। बीकानेर और फलोदी में ये पार्क बनेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को सोलर प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रदेश में लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश भी होगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इन सोलर प्रोजेक्ट्स परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलने के साथ ही क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। सीएम ने कहा कि ये सोलर प्रोजेक्ट्स पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगे। सालाना लगभग 2 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
इन सोलर पार्क में अत्याधुनिक साेलर पैनल और ग्रिड टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होगी।
बीकानेर में स्थापित होंगे तीन सोलर पार्क
सीएम ने बीकानेर जिले में 2450 मेगावाट के 3 सोलर पार्कों की स्थापना के लिए राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी को कुल 4780 हेक्टेयर जमीन आवंटन को मंजूरी दी गई है। बीकानेर जिले में एक-एक हजार मेगावाट के दो और 450 मेगावाट का एक सोलर पार्क स्थापित किया जाएगा।
पहले सोलर पार्क के लिए पूगल के गांव सूरासर में लगभग 1881 हेक्टेयर जमीन आवंटन को मंजूरी दी। इसी तरह एक हजार मेगावाट के दूसरे सोलर पार्क के लिए दो हजार हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी, जिसमें से 1194 हेक्टेयर जमीन सूरासर और लगभग 807 हेक्टेयर जमीन भणावतावाला में स्थित है।
बीकानेर जिले में ही 450 मेगावाट के तीसरे सोलर पार्क की स्थापना के लिए छत्तरगढ़ के सरदारपुरा में 900 हेक्टेयर जमीन आवंटन को मंजूरी दी गई है। ये सोलर पार्क राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय (केंद्र सरकार) की सौर पार्क योजना के 3 चरणों में विकसित किए जाएंगे।
फलोदी में भी बनेगा एक सोलर पार्क
सीएम ने इसके साथ ही एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को 500 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए फलोदी की बाप तहसील के भड़ला में 910 हेक्टेयर जमीन आवंटन को मंजूरी दी है।
33 प्रतिशत मिलेगी ग्रांट
बता दें 10 मार्च 2024 को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के बीच 3325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं और 28,500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम के तहत स्थापित करने के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए गए।
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए।
3200 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64 हजार करोड़ रुपए का निवेश का दावा किया गया।
राजस्थान में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क
जोधपुर जिले के गांव भड़ला में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। करीब 14 हजार हेक्टेयर में फैला ये सोलर पार्क बेमिसाल है। दूर-दूर तक जहां भी नजर जाएगी, सिर्फ सोलर पैनल दिखाई देंगे। ऐसा लगता है जैसे सोलर पैनल का कोई शहर बस गया हो। सैटेलाइट से देखने पर ऐसे लगता है, जैसे नीले रंग का आसमान ही जमीन पर उतर आया हो। यह पार्क इतना बड़ा है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस की आधी आबादी यहां बस सकती है। पार्क की सुरक्षा के लिए बनी दीवार की लंबाई नापी जाए तो ये करीब 200 किमी लंबी होगी। जहां 300 से ज्यादा गाड्र्स 24 घंटे इसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं।
सोलर और विंड एनर्जी प्लांट स्थापित करने में राजस्थान नंबर-1
रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) के प्लांट स्थापित करने में राजस्थान देश में सबसे आगे हैं। प्रदेश में विंड और सोलर एनर्जी के प्लांट्स की क्षमता 21.6 मेगावाट की है। छतों पर सोलर यानी सोलर रूफटॉफ से 853 मेगावट बिजली उत्पादन के साथ राजस्थान की देश में दूसरी रैंक है। राजस्थान में अभी 23,650 मेगावाट बिजली बनाने के प्रोजेक्ट अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। राजस्थान का वर्ष 2025 तक 37.5 मेगावाट क्षमता के प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य है।
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