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अनुकंपा नौकरी की मांग को लेकर अर्ध-समाधि का 6वां दिन 4 समर्थकों ने शुरू की भूख हड़ताल प्रशासन बोला-पिता शहीद नहीं, इसलिए हो रही देरी

भरतपुर के ट्रैफिक चौराहे स्थित महाराजा सूरजमल की प्रतिमा के पास युवक का अनुकंपा नौकरी के लिए ली गई अर्ध समाधि का छठवां दिन जारी है। युवक के समर्थन में चार युवक वहीं पर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। युवक अपने पिता की जगह अनुकंपा नौकरी चाहता है। उसके पिता का निधन साल 1999 में हो गया था। उसके पिता CRPF में तैनात थे। बालिग होने के बाद युवक ने जब CRPF में नौकरी के लिए आवेदन किया तो, उसे मेडिकल में बाहर कर दिया गया। CRPF ने मानवीय आधार पर नौकरी देने के लिए राज्य सरकार को लेटर लिखा था।

राधेश्याम के समर्थन में 4 युवक बैठे भूख हड़ताल पर

सोमवार सुबह अनशन स्थल पर सरकार की सद् बुद्धि के लिए एक यज्ञ किया गया। जिसके बाद विष्णु निवासी खेमरा, तपन शर्मा निवासी भरतपुर, रजत पूनिया निवासी भरतपुर और नरेश फौजदार निवासी डीग अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। चारों युवकों का कहना है की जब तक गौरव की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे।

पिता को फील्ड ऑपरेशन पर जाते समय आया था दिमागी बुखार

युवक राधेश्याम उर्फ गौरव (23) निवासी प्रिंस नगर ने बताया कि, राधेश्याम के पिता CRPF में तैनात थे। 7 नवंबर 1999 में वह फील्ड ऑपरेशन के लिए नीमच से रांची झारखंड जा रहे थे। इस दौरान उन्हें दिमागी बुखार आ गया और उनका निधन हो गया। राधेश्याम के पिता को शहीद का दर्जा नहीं मिला। जब राधेश्याम के पिता का निधन हुआ तब वह 3 महीने का था।

राधेश्याम फिजिकल में हुआ अनफिट

पिता के निधन के पिता राधेश्याम की मां ने ही उसे पाला। CRPF में नौकरी के लिए राधेश्याम का 18 साल का होना जरुरी था। साल 2019 में वह 18 साल का हो गया। जिसके बाद उसने CRPF में नौकरी की तैयारी की लेकिन उसे फिजिकल में अनफिट करार दे दिया गया। राधेश्याम को टीवी का मरीज बताया गया। जब उसने जयपुर SMS अस्पताल में चेकअप करवाया तो, उसे कोई बीमारी नहीं निकली।

राज्य सरकार को लिखा गया पत्र

CRPF की तरफ से 2020 में राज्य सरकार को लेटर लिखा गया। जिसमें राधेश्याम को LDC में नौकरी देने की सिफारिश की गई। राधेश्याम LDC में नौकरी के लिए तैयार हो गया लेकिन, बार अधिकारियों और नेताओं के चक्कर काटने के बाद भी उसे LDC की नौकरी नहीं मिली। नौकरी की मांग को लेकर राधेश्याम तीन बार पानी की टंकी पर चढ़ा। उसके बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। जिसके बाद राधेश्याम ने 12 जून को भू-समाधि ली है।

तीन बार चढ़ा पानी की टंकी पर

युवक राधेश्याम ने बताया कि, वह तीन बार पानी की टंकी पर चढ़ चुका है। 18 जून 2023 को वह सरसों मंडी स्थित पानी की टंकी पर चढ़ा था। जिसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने उसे नौकरी लगने का आश्वाशन देकर नीचे उतारा था। इसके बाद वह 4 जुलाई को फिर से सरसों मंडी स्थित पानी की टंकी पर चढ़ा। तब उसे पुलिस के अधिकारियों ने नीचे उतारकर नौकरी का आश्वाशन दिया और कलेक्टर से मिलवाया। इससे पहले वह 5 जनवरी 2023 को पानी की टंकी पर चढ़ा। तब उसे अधिकारियों ने समझाइश कर नीचे उतार लिया।

कई मंत्री विधायकों के काटे चक्कर

राधेश्याम ने बताया कि, उसने अपनी नौकरी के लिए कई विधायकों और मंत्रियों के चक्कर काटे। साल 2023 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेडम से मिला जिन्होंने उसे जल्द ही नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं वह डीग कुम्हेर विधायक शैलेश सिंह से मिला। उन्होंने हर मुलाकात में नौकरी लगने का आश्वासन दिया लेकिन, अभी तक नौकरी नहीं मिल सकी।

प्रशासन बोला-पिता शहीद नहीं, इसलिए हो रही देरी

युवक राधेश्याम का पैतृक गांव पैंघोर है। जो डीग जिले में आता है। इसलिए डीग जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीरज कुमार मीणा ने बताया की राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिए जाने के कारण केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा राधेश्याम को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। राधेश्याम की नौकरी के लिए सभी प्रक्रिया डीग जिले से की जा रही है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि 114 बटालियन द्रुत कार्य बल जालंधर ने 10 अप्रैल 2021 अपने पत्र में अवगत करवाया गया था कि राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में डी. एण्ड एम. कोर्स करने हेतु नामित किये गए थे। उक्त कोर्स 8 नवम्बर 1999 से सी.टी.सी. प्रथम के केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल नीमच में चलाया जाना था। कार्मिक को उक्त कोर्स में भेजने से पूर्व चिकित्सा जांच में ठीक पाया गया। परन्तु 3 नवम्बर 1999 को सी.टी.सी. प्रथम नीचम में जाते समय रास्ते में तेज बुखार होने पर जवाहर सिंह ने अपने परिवारजनों को सूचना दी। ऐसी स्थिति में जवाहर सिंह द्वारा आगे की यात्रा मुनासिब नहीं समझकर 6 नवम्बर 1999 को अपने घर पहुंच गए। इसके बाद जवाहर सिंह की तबीयत और ज्यादा खराब होने पर उनके परिजनों ने 7 नवम्बर 1999 को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। जवाहर सिंह के आश्रित बेटे राधेश्याम उर्फ गौरव द्वारा पिता के स्थान पर नियुक्ति दिये जाने हेतु 01 फरवरी 2021 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। नियमानुसार प्रार्थी के आवेदन पत्र के साथ पिता के शहीद होने सम्बन्धी दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण नियुक्ति प्रदान नहीं की गई।

स्व. जवाहर सिंह की मृत्यु तेज बुखार होने से घर पर होने के कारण शहीद की श्रेणी और अन्य घटना में नहीं आने के कारण राधेश्याम उर्फ गौरव को कार्मिक (क-2) विभाग राजस्थान जयपुर की अधिसूचना 1 अक्टूबर 2002 एवं 7 दिसम्बर 2022 के तहत आश्रित के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है।

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