नीट परीक्षा विवाद मामले में आज कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। समय कम होने के चलते सुनवाई नहीं की गई। वेकेशन जज जस्टिस भुवन गोयल की अदालत में आज 4 याचिकाएं लिस्ट थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मामले को गंभीर बताते हुए आज ही सुनवाई का आग्रह किया था। लेकिन कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया।
बता दें जयपुर बेंच में 4 याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी। इन याचिकाओं में नीट एग्ज़ाम को लेकर हुई गड़बड़ियो के चलते पूरी परीक्षा को रद्द करने, परीक्षा की जांच सीबीआई से कराने सहित अन्य मांगें की गई थी।
नीट परीक्षा का रद्द करने की मांग
हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर करने वाले यश्विनी, तनुजा यादव और यक्शश्री दूबे के अधिवक्ता राम प्रताप सेनी ने बताया कि हमने इन याचिकाओं में अदालत से मांग की है कि नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को देखते हुए पूरी परीक्षा को रद्द करके फिर से करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में डमी कैंडिडेट्स के बैठने, चीटिंग और अन्य गड़बड़ियों को लेकर वड़ौदरा और अहमदाबाद एफआईआर दर्ज हुई हैं। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को 10 मिनट से लेकर आधे घंटे देरी से पेपर दिया गया। लेकिन उन्हें इसके लिए ना तो अतिरिक्त समय दिया गया और ना ही अन्य अभ्यर्थियों की तरह ग्रेस मार्क्स दिए गए।
हिंदी माध्यम वालों को दिया अंग्रेजी का पेपर
हाई कोर्ट में आदित्य गौत्तम की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता आरके गौत्तम ने बताया कि उनके याचिकाकर्ता का सेंटर सवाईमाधोपुर के माउन टाउन कस्बे के एक परीक्षा केन्द्र पर आया था। जहां 120 अभ्यर्थियों को गलत पेपर दे दिया गया। हिंदी मीडियम वालों को अंग्रेजी और अंग्रेजी मीडियम वालों को हिंदी माध्यम का पेपर बांट दिया गया। जिससे सेंटर पर हंगामा हो गया। वहीं करीब 1 घंटे से ज्यादा समय इसमें ही खर्च हो गया।
पूरे केन्द्र पर हंगामा होने से वहां परीक्षा दे रहे सभी अभ्यर्थी डिस्ट्रब हो गए। लेकिन परीक्षा केन्द्र वालों ने केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को दुबारा परीक्षा देने का मौका दिया। जिन्हें गलत पेपर बांट दिया गया था। इसके अलावा किसी अन्य अभ्यर्थी को मौका नहीं दिया। वहीं सेंटर का रिकोर्ड कहता है कि 120 में से केवल 116 अभ्यर्थियो ने ही फिर से पेपर दिया। हंगामे के बीच 4 अभ्यर्थी पेपर लेकर सेंटर से चले गए। इससे यह पेपर भी लीक माना जाए। क्योंकि नीट परीक्षा में पेपर ले जाने की अनुमति नहीं होती हैं।
सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है मामले की सुनवाई
देश के अलग-अलग हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट भी नीट परीक्षा विवाद को लेकर सुनवाई कर रहा हैं। सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद एनटीए ने ग्रेस मार्क्स पाने वाले सभी अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड निरस्त कर दिए है। अब इन 1563 अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा होगी। ऐसे में हाई कोर्ट में जिन अभ्यर्थियों ने ग्रेस मार्क्स के लिए याचिकाएं लगाई है। उनकी मांग है कि उन्हें भी फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाए।
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