बिहार में NEET पेपर लीक मामले में दो कैंडिडेट्स आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के पटना मुख्यालय पहुंचे। इन दोनों कैंडिडेट्स से करीब ढाई घंटे पूछताछ की गई। बख्तियारपुर की रहने वाली ईशा अपने पैरेंट्स के साथ आई थी। वहीं, दूसरी लड़की अपने पिता और चाचा के साथ आई थी।
ईशा ने पूछताछ से पहले कहा है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच में सहयोग करेंगी। पिता के साथ पहुंची दूसरी लड़की ने नाम नहीं बताया। उसने कुछ भी बताने से सीधा इनकार कर दिया। EOU ने परीक्षार्थियों के साथ-साथ उनके पेरेंट्स से भी पूछताछ की है।
इससे पहले EOU ने 9 परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसमें दो कैंडिडेट पूछताछ के लिए पहुंचे। EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पुलिस की अब तक छानबीन में सॉल्वर गैंग के पास 13 परीक्षार्थियों के रोल कोड मिले थे। इनमें से चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
बाकी 9 परीक्षार्थियों के बारे में जानकारी के लिए EOU ने परीक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी NTA से जानकारी मांगी थी। जानकारी मिलने के बाद अब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
प्रवेश पत्र के पते पर भेजा गया नोटिस
DIG मानवजीत सिंह के मुताबिक NTA ने अपने जवाब में मांगे गए परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र भेजा था। इसके जरिए EOU को परीक्षार्थियों के मोबाइल नंबर और पते की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि इसी पते पर नोटिस भेजकर परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से सॉल्वर गिरोह से उनके जुड़ाव के बारे में सवाल किया जाएगा। यह भी पूछा जाएगा कि क्या इन 9 परीक्षार्थियों को भी सॉल्वर गिरोह ने परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र रटवाए थे।
मांझी बोले- पेपर लीक मामले में शामिल लोगों को कड़ी सजा मिले
इधर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नीट पेपर लीक मामले पर कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। जो अनियमितता होती है। उसमें जो साधन सम्पन्न होते हैं, वह इसका लाभ उठाते हैं, लेकिन गरीब के बच्चे, जिसकी कोई पैरवी नहीं, जिसके पास पैसा नहीं है, वह वंचित हो जाते है। इसलिए नीट में जो गड़बड़ी हो रही है, उसको हर हालत में रोकना चाहिए और इसमें शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
बिहार में पेपर लीक की पूरी कहानी पढ़िए…
बिहार के साथ पूरे देशभर में 5 मई को NEET की परीक्षा ली गई। इसमें पूरे देश से करीब 24 लाख से ज्यादा कैंडिडेट शामिल हुए। बिहार में NEET की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 13 लोग गिरफ्तार हुए। इनमें 4 मेडिकल स्टूडेंट थे। वहीं, पूर्णिया से भी 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। ये दूसरों की जगह परीक्षा दे रहे थे। बायोमैट्रिक चेकिंग के दौरान इन्हें पकड़ा था। इसके साथ ही गोपालगंज पुलिस ने भी एक छात्र को गिरफ्तार किया था। ये भी दूसरे की जगह एग्जाम दे रहे थे।
NEET पेपर में गड़बड़ी के आरोप में पटना के शास्त्रीनगर थाने में केस नंबर-358/24 दर्ज किया था। पूर्णिया से पकड़े गए डमी कैंडिडेट राजस्थान के जालौर, भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के थे। सभी परीक्षार्थियों को शहर के मधुबनी टीओपी थाना के एसआरडीएसी स्कूल के एग्जाम सेंटर से पकड़ा गया था।
वहीं, गोपालगंज से पकड़ा गया छात्र राजस्थान का रहने वाला था। उसकी पहचान बाड़मेर जिले के कुडला गांव निवासी प्रह्लाल राम के बेटे सतीश कुमार के रूप में की गई थी।
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