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पायलट, डोटासरा, हनुमान व बीएपी का प्लान तैयार:कांग्रेस को लोकसभा चुनाव जिताने वाली टीम ही उपचुनाव में आगे रहेगी

राजस्थान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का 10 साल बाद अकाल मिटाने वाली टीम फिर सक्रिय हो रही है। कांग्रेस अलायंस को 11 लोकसभा सीटें जिताने वाली टीम ही आने वाले 5 लोकसभा सीटों के उपचुनाव में आगे रहेगी।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत का स्वास्थ्य खराब रहने से पूर्वी राजस्थान में सचिन पायलट, टीकाराम जूली, नागौर में हनुमान बेनीवाल और शेखावाटी में गोविंद सिंह डोटासरा लीड करेंगे। हालांकि, ये पांचों सीटें पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या इसके अलायंस के पास ही थी। जूली ने तो प्रतिदिन की चर्चा, तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा के लिए आसान नहीं राह

झुंझुनूं, देवली-उनियारा, दौसा, खींवसर और चौरासी विधानसभा सीटों पर बीजेपी को कम बैक करना आसान नहीं होगा। पांच विधानसभा सीटों में से तीन सीटों पर कांग्रेस ने पिछली बार जीत हासिल की थी। चौरासी और खींवसर उनके अलायंस के पास थी।

कांग्रेस के लिए सबसे आसान देवली-उनियारा और दौसा विधानसभा सीट मानी जा रही है। इसकी वजह सचिन पायलट मुरारी मीणा की जुगलबंदी में कांग्रेस के दिग्गज गुर्जर और मीणा नेताओं की जुगलबंदी है। दौसा और देवली उनियारा विधानसभा सीट पर सचिन पायलट का बड़ा दबदबा है। वहीं देवली में सांसद हरीश मीणा, तो दौसा में मुरारीलाल की अच्छी पकड़ हैं।

देवली-उनियारा में सचिन पायलट के करीबी हरीश मीणा इस लोकसभा चुनाव में टोंक से चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि देवली उनियारा सीट पर सचिन पायलट और हरीश मीणा की पसंद से ही कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी। इस सीट पर 50 हजार मतदाता मीणा समाज के हैं, जबकि गुर्जर 45000 हैं।

दौसा में फिर दिखेगा जोड़ी का दम

दौसा में मुरारी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव जीता। उपचुनाव में पायलट और मुरारी लाल की पसंद से ही उम्मीदवार उतारा जाएगा। देवली उनियारा विधानसभा की तरह दौसा भी गुर्जर मीणा बाहुल्य सीट हैं। ऐसे में कांग्रेस को फिर से दौसा सीट पर पायलट और मुरारी लाल मीणा का मजबूत सहारा मिलेगा। मुरारी लाल मीणा अपने समाज के वोटर्स को खींचने का काम करेंगे, तो सचिन पायलट गुर्जर मतदाताओं को भी कांग्रेस की तरफ मोड़ने का प्रयास करेंगे।

नागौर में रहेगी टक्कर

नागौर की खींवसर सीट खाली हो चुकी है। इस पर आरएलपी का होल्ड रहा है। लेकिन हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद चुने जाने के कारण इस पर अब बीजेपी से ज्योति मिर्धा उतारी जा सकती है। लेकिन आरएलपी अपनी सीट छोड़ना नहीं चाहेगी। इस कारण इस सीट पर टक्कर देखने को मिलेगी।

चौरासी में बीएपी भारी

बांसवाड़ा की चौरासी विधानसभा सीट पर राजकुमार रोत विधायक थे। बीएपी रोत के बाद भी इस सीट को अपने पास रखना चाहेगी। लेकिन इस सीट पर यदि पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया दुबारा चुनाव लड़ते हैं तो टक्कर कांटे की होगी, लेकिन एक साल से बीएपी का होल्ड उस इलाके में बढ़ता जा रहा है।

 

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